प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :— राखो अपनी शरन में रघुबंश मनी । मैं तो कपटी कुटिल खल लोभी प्रभू…
View More राखो अपनी शरन में रघुबंश मनी……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रMonth: August 2024
निजी क्लिनिकों में डॉक्टरों की गतिविधियों पर बोकारो उपायुक्त की कड़ी निगरानी
एक चिकित्सक अधिकतम दो क्लीनिकों में कर सकते हैं प्रैक्टिस, सुनिश्चित करें टीमः उपायुक्त नियमित अल्ट्रासाउण्ड क्लीनिकों का करें औचक निरीक्षण, फार्म – एफ की…
View More निजी क्लिनिकों में डॉक्टरों की गतिविधियों पर बोकारो उपायुक्त की कड़ी निगरानीरे मनुवाँ हरि चरनन के लोभी …….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
मन को भँवरा और प्रभु के चरण को कमल से उपमा दी गई है । जिस प्रकार भँवरा कमल पर लुभाए रहता है उसी प्रकार…
View More रे मनुवाँ हरि चरनन के लोभी …….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रजपत मन आनन्द हरि हरि…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु का नाम जपने से मन में जो आनन्द की अनुभूति होती है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें…
View More जपत मन आनन्द हरि हरि…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रचम्पाई सोरेन झारखंड में नई पार्टी बना लें तो तीनों के लिए अच्छा !
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। झारखंड की राजनीति में वर्तमान में जो कुछ भी हो रहा है, वह राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को गहराई से समझने…
View More चम्पाई सोरेन झारखंड में नई पार्टी बना लें तो तीनों के लिए अच्छा !रखियो राखी की लाज………….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
भाई बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक राखी के शुभ अवसर पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें एक बहन अपने भाई से देखिये क्या…
View More रखियो राखी की लाज………….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रकरिल प्रभु के चरनियाँ में…….….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है मेरी रचना भोजपुरी में लिखा भजन जिसमें जिन्दगी की सच्चाई वर्णित है । मनुष्य का जन्म सत्कर्म करने के लिये मिलता है परंतु…
View More करिल प्रभु के चरनियाँ में…….….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रसनातन धर्म: prescriptions या restrictions?
PURNENDU PUSHPESH सनातन धर्म, जिसे हिंदू धर्म के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति और धार्मिकता की जड़ों में गहराई से व्याप्त है।…
View More सनातन धर्म: prescriptions या restrictions?हे राम राघव दीनबंधू……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम से मेरी विनती जिसे मैने छन्द में लिखी है :— हे राम राघव दीनबंधू, दया के भंडार हो । हे कृपालू हे दयालू,…
View More हे राम राघव दीनबंधू……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रहर तरफ प्रभु यही अफसाने हैं……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है मेरी ये रचना शरणागत भजन के रूप में जिसमें मैने प्रभु से विनती की है कि आपने किसी न किसी बहाने से केंवट,…
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