राखो अपनी शरन में रघुबंश मनी……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :— राखो अपनी शरन में रघुबंश मनी । मैं तो कपटी कुटिल खल लोभी प्रभू…

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निजी क्लिनिकों में डॉक्टरों की गतिविधियों पर बोकारो उपायुक्त की कड़ी निगरानी

एक चिकित्सक अधिकतम दो क्लीनिकों में कर सकते हैं प्रैक्टिस, सुनिश्चित करें टीमः उपायुक्त नियमित अल्ट्रासाउण्ड क्लीनिकों का करें औचक निरीक्षण, फार्म – एफ की…

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रे मनुवाँ हरि चरनन के लोभी …….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

मन को भँवरा और प्रभु के चरण को कमल से उपमा दी गई है । जिस प्रकार भँवरा कमल पर लुभाए रहता है उसी प्रकार…

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जपत मन आनन्द हरि हरि…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु का नाम जपने से मन में जो आनन्द की अनुभूति होती है उसका वर्णन नहीं किया जा सकता। प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें…

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चम्पाई सोरेन झारखंड में नई पार्टी बना लें तो तीनों के लिए अच्छा !

सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश।   झारखंड की राजनीति में वर्तमान में जो कुछ भी हो रहा है, वह राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को गहराई से समझने…

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रखियो राखी की लाज………….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

भाई बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक राखी के शुभ अवसर पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें एक बहन अपने भाई से देखिये क्या…

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करिल प्रभु के चरनियाँ में…….….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी रचना भोजपुरी में लिखा भजन जिसमें जिन्दगी की सच्चाई वर्णित है । मनुष्य का जन्म सत्कर्म करने के लिये मिलता है परंतु…

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सनातन धर्म: prescriptions या restrictions?

PURNENDU PUSHPESH सनातन धर्म, जिसे हिंदू धर्म के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति और धार्मिकता की जड़ों में गहराई से व्याप्त है।…

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हे राम राघव दीनबंधू……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु श्रीराम से मेरी विनती जिसे मैने छन्द में लिखी है :— हे राम राघव दीनबंधू, दया के भंडार हो । हे कृपालू हे दयालू,…

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हर तरफ प्रभु यही अफसाने हैं……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी ये रचना शरणागत भजन के रूप में जिसमें मैने प्रभु से विनती की है कि आपने किसी न किसी बहाने से केंवट,…

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