शिव जी के निरालेपन पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना:—– शिव शंभू हमारा निराला रे । शमसान भस्म बदन पर धारे, गरवा में सर्पों की…
View More शिव शंभू हमारा निराला रे……….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
ओ डमरू वाले बाबा दिखा राह रे…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है औढरदानी भोलेनाथ पर लिखी मेरी ये रचना :——- ओ डमरू वाले बाबा दिखा राह रे । ममता की पट्टी बँधी आँख रे ।…
View More ओ डमरू वाले बाबा दिखा राह रे…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रश्री महादेव शिव अवढरदानी……….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
शिव जी पार्वती जी के साथ अपने धाम कैलाश पर्वत पर कैसी शोभा पा रहे हैं, इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना:—- …
View More श्री महादेव शिव अवढरदानी……….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रश्री शिव स्तुति ……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
नमामि नमामि नमन शंकरम् । वाम भागे विराजे शैल नन्दिनी, अंक धारे गणाधीश जग बन्दनम् । नमामि नमामि नमन शंकरम् । गौर वर्णम् जटाजूट…
View More श्री शिव स्तुति ……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रश्री शिव वन्दना …….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
हे आशुतोष महेश शंकर, महादेव महेश्वरम् । हिमवान कन्या वाम भागे, अंक गौरी नन्दनम् । कर्पूर गौरं करुणा सागर, त्रिपुर दुष्ट निकन्दनम्।। हे आशुतोष महेश…
View More श्री शिव वन्दना …….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रजानकी नन्दनम् जानकी नन्दनम्…….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
लव कुश के जन्म पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना:—– जानकी नन्दनम् जानकी नन्दनम् । जनमें बन में दोउ चन्द, सिय सुखकन्दनम् ।। जानकी नन्दनम्……………
View More जानकी नन्दनम् जानकी नन्दनम्…….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रचरन तुम्हारे पावन रघुबर…… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु के दर्शन के लिए भक्त की व्याकुलता को दर्शाती प्रस्तुत है मेरी यह रचना:—- चरन तुम्हारे पावन रघुबर, दर्शन को हैं प्यासे नैना ।…
View More चरन तुम्हारे पावन रघुबर…… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रविष्णु बिरंचि शिव तीनों बने ललना……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
एक बार ब्रह्मा, विष्णु और शिव साधु का वेष धारण कर माता अनुसूईया जी के पतिव्रत धर्म की परीक्षा लेने उनके आश्रम पर पहुँचे और…
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संसार में कोई अमर होकर नहीं आया है। जो भी इस पृथ्वी पर आया है उसका एक दिन जाना निश्चित है। मनुष्य जोड़ तोड़ कर…
View More जगत में नहीं अमर कोइ प्रानी……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रआज से चातुर्मास शुरू हो रहा है
आज से चातुर्मास शुरू हो रहा है. हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से चातुर्मास प्रारंभ हो जाता है, जो कि…
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