सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। चुनावों के समय हर बार कुछ मुद्दे सुर्खियों में आ जाते हैं, जिन पर समाज का ध्यान अनिवार्य रूप से…
View More नेता को खबर चाहिए, मीडिया को पैकेज: लोकतंत्र की दुकानदारीCategory: Literature
अंतर्द्वंद्व………….. -डॉ प्रशान्त करण
अंतर्द्वंद्व से मेरा बड़ा पुराना नाता रहा है।बचपन में खेल-कूद में इतना मन रमता था कि पढ़ने के प्रति मन में अंतर्द्वंद्व रहता।जब खेल के…
View More अंतर्द्वंद्व………….. -डॉ प्रशान्त करणप्रेम की पगडंडी……….-डॉ प्रशान्त करण
आजकल देश में पगडंडियों का जमाना है।कोई भी मंज़िल सीधे रास्ते से नहीं मिलती।पगडंडियों से,शॉर्टकट से जाओ तो तुरन्त ही मिलती है।यह पगडंडियाँ मंज़िल के…
View More प्रेम की पगडंडी……….-डॉ प्रशान्त करणहिंदी दिवस और धिक्कार…….— डॉ प्रशान्त करण
आज अंग्रेजी तिथि चौदह सितंबर है और इसे हिंदी दिवस के रूप में चिन्हित किया गया है.वर्षों से हम इसी अंग्रेजी तिथि को हिंदी दिवस…
View More हिंदी दिवस और धिक्कार…….— डॉ प्रशान्त करणकर्म बंधन…….— डॉ प्रशान्त करण
तीन महीने उस प्रदेश के सरकारी सभी कार्यालयों में खूब गहमा-गहमी रही। हर कोई इधर-उधर दौड़ता फिरने लगा। कार्यालय में सारे काम ठप्प। कोई कब…
View More कर्म बंधन…….— डॉ प्रशान्त करणझूठ………… -डॉ प्रशान्त करण
झूठ के पाँव होते हैं . बड़ी तीव्र गति से दौड़ता है . इतनी तेज की तूफ़ान-आँधी भी पानी भरने चला जाए . यह रहस्यमय…
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हमारे आर्यावर्त की सनातन संस्कृति इतनी अद्भुत रही कि गुरुकुल परम्परा तक छात्र हर दिवस को शिक्षक दिवस मानते रहे. पूरी श्रद्धा से शिक्षकों को…
View More शिक्षक दिवस और मैं ——डॉ प्रशान्त करणॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य मृत्विजय ….… – डॉ प्रशान्त करण
विद्वतजनों विगत सात दिनों के निरंतर पठन-पाठन, समझने के प्रयास व अल्प बुद्धि से चिंतन के बाद ऋग्वेद की प्रथम ऋचा ॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य…
View More ॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य मृत्विजय ….… – डॉ प्रशान्त करणकुविचार : बदलते संबंध………… – डॉ प्रशान्त करण
साधो ! बिना परिश्रम, उद्यम, मेधा के ही अल्पतम अवधि में सफलता के ही साथ सम्पन्नता प्राप्त करने की साधना में बदलते संबंध एक बहुमूल्य…
View More कुविचार : बदलते संबंध………… – डॉ प्रशान्त करणरोता किसान ………… – डॉ प्रशान्त करण
किसान की कई प्रजातियाँ हमारे राष्ट्र में बहुतायत से पायी जाती है. इनमें से सर्वाधिक संख्या उनकी है, जिन्हें वास्तविक रूप में किसानी से कोई…
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