हनुमान जी जब लंका की अशोक वाटिका में माता सीता से मिले तब सीता जी अपनी विरह वेदना हनुमान जी से व्यक्त करने लगीं ।…
View More कहु कपि कब ऐहैं रघुबीर……..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रMonth: December 2024
जब त्रिजटा ने स्वप्न सुनाया……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
सीता जी की खोज कर और लंका जला कर हनुमान जी जब प्रभु श्रीराम जी के चरण में उपस्थित हुए तब हनुमान जी से प्रभु…
View More जब त्रिजटा ने स्वप्न सुनाया……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रशोभा बरनी न जाई रघुबीर सखी ….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्री राम राजसिंहासन पर विराजमान हैं। सखियाँ उनकी शोभा का वर्णन कर रही हैं। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना :——- शोभा…
View More शोभा बरनी न जाई रघुबीर सखी ….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रआज अवध में बधावन बाजै……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
राजा दशरथ ने जब श्रीराम जी का राज्याभिषेक करने का निश्चय किया तब अवध में उत्सव की तैयारियाँ होने लगीं। घर घर मंगल साज सजाए…
View More आज अवध में बधावन बाजै……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्ररघुनाथ मड़वा में आए…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
श्रीराम जानकी विवाह के शुभ अवसर पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना :—— रघुनाथ मड़वा में आए । सखी सब देखन धाए । रघुनाथ मड़वा…
View More रघुनाथ मड़वा में आए…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रऐसो हैं कृपालु रघुराई……..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम ऐसे कृपालु हैं कि अधम, नीच, पापियों को भी अपना परमधाम दे देते हैं। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना:—– ऐसो…
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प्रभु श्रीराम का भजन अपार संसार सागर से पार उतारने वाला है अतः रे मन तू प्रभु का भजन कर। प्रस्तुत है मेरी रचना राम…
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जिस प्रभु के नाम स्मर्ण मात्र से कितने पापी भवसागर पार उतर गए, जिनका नाम हीं सेतु है वही प्रभु केवँट से पार उतारने के…
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प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :—— मैं तेरा पुकारूँ नाम हे स्वामी , कब आओगे राम । काम क्रोध मद…
View More मैं तेरा पुकारूँ नाम हे स्वामी….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रबोलो राम राम राम…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
राम और श्याम दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। दोनों नाम पावन हैं। राम राम बोलिये या श्याम श्याम बोलिये दोनों भवसागर पार उतार देने…
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