प्रभु श्रीराम ऐसे कृपालु हैं कि अधम, नीच, पापियों को भी अपना परमधाम दे देते हैं। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना:—– ऐसो…
View More ऐसो हैं कृपालु रघुराई……..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रMonth: December 2024
भजन करो राम का रे मन दिवाना….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम का भजन अपार संसार सागर से पार उतारने वाला है अतः रे मन तू प्रभु का भजन कर। प्रस्तुत है मेरी रचना राम…
View More भजन करो राम का रे मन दिवाना….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रजिनके नाम भवसागर सेतू….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
जिस प्रभु के नाम स्मर्ण मात्र से कितने पापी भवसागर पार उतर गए, जिनका नाम हीं सेतु है वही प्रभु केवँट से पार उतारने के…
View More जिनके नाम भवसागर सेतू….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रमैं तेरा पुकारूँ नाम हे स्वामी….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :—— मैं तेरा पुकारूँ नाम हे स्वामी , कब आओगे राम । काम क्रोध मद…
View More मैं तेरा पुकारूँ नाम हे स्वामी….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रबोलो राम राम राम…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
राम और श्याम दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। दोनों नाम पावन हैं। राम राम बोलिये या श्याम श्याम बोलिये दोनों भवसागर पार उतार देने…
View More बोलो राम राम राम…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रराम अवध में पधारे आज…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्री राम के बनवास से लौटने पर अयोध्या में अपरिमित आनन्द छाया हुआ है। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना :- राम…
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सारी दुनिया रूठ जाय , इसकी चिन्ता नहीं है मुझको । बस राम हमारे कभी न रूठें , यही हमारी विनती उनसे । सारी दुनिया…
View More राम हमारे कभी न रूठें ……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रदशरथ के चारो ललनवाँ……..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
राजा दशरथ के चारों पुत्र आँगन में खेल रहे हैं। प्रस्तुत है भोजपुरी में मेरी ये रचना जिसमें मैने उनकी शोभा का वर्णन किया है…
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यमुना जी का श्याम रंग का जल कैसे शोभा पा रहा है जैसे श्यामसुन्दर का श्याम शरीर शोभा पा रहा हो। यमुना जी का कल…
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प्रभु श्रीराम वनवास समाप्त कर सीता जी और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या लौट आए। गुरु बशिष्ठ जी, सभी माताएँ, भाई भरत जी और शत्रुघ्न…
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