नमामि नमामि नमन शंकरम् ।
वाम भागे विराजे शैल नन्दिनी,
अंक धारे गणाधीश जग बन्दनम् ।
नमामि नमामि नमन शंकरम् ।
गौर वर्णम् जटाजूट जगदीश्वरम् ,
शिव विशालाक्ष कंठे भुजग शोभितम् ।
नमामि नमामि नमन शंकरम् ।
चन्द्र शोभत ललाटे प्रसन्नानम् ,
नीलकंठम् दयालम् शुचिम् सुन्दरम् ।
नमामि नमामि नमन शंकरम् ।
मरू भस्म अंगे गले मुंडमालम् ,
जटा गंग मृगचर्म दिग्अम्बरम् ।
नमामि नमामि नमन शंकरम् ।
त्रीशूल पाणीं डिमक डिम्म डमरू,
बजाते चलें हो बसह पर सवारम् ।
नमामि नमामि नमन शंकरम् ।
निरंजन निरंकार ओंकार भूषण,
शरणागत् ‘ब्रह्मेश्वर’ तव विश्वेश्वरम् ।
नमामि नमामि नमन शंकरम् ।
रचनाकार
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र