राम नाम का एक बार प्रेम से उच्चारण मात्र से मनुष्य भवसागर पार उतर जाता है। गिद्ध, अजामिल, गणिका, केंवट, अहिल्या, शबरी सब ने राम नाम को भज कर हीं भवसागर पार कर गए। ब्रह्मा , विष्णु , महेश सभी इसी राम नाम को निरंतर भजते हैं। ध्रुव, प्रह्लाद, सुदामा, नारद, सूरदास, तुलसीदास, मीरा सब इसी नाम का गुणगान करके भवसागर पार उतर गए। हे जगत के प्राणियों तुम भी प्रेम पूर्वक इस राम नाम को भजो। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है भोजपुरी में मेरी ये रचना :—–
राम नाम बोल भैया नेहिया लगाइ के।
गिद्ध भी बोललें अजामिल भी बोललें ,
गणिका भी बोलली सुगनवाँ पढ़ाइ के ।
राम नाम बोल भैया…………
केवँट भी बोललें अहिल्या भी बोलली ,
शबरी भी बोलली बईरिया खिलाइ के ।
राम नाम बोल भैया…………
ब्रह्मा जी बोललें विष्णु जी बोललें ,
शिव जी भी बोललें डमरुआ बजाइ के ।
राम नाम बोल भैया…………
सूर भी बोललें तुलसी भी बोललें ,
मीरा भी बोलली एकतारा बजाइ के ।
राम नाम बोल भैया…………
ध्रुव प्रह्लाद सुदामा जी बोललें ,
नारद जी बोललें हाँ वीणा बजाइ के ।
राम नाम बोल भैया…………
रचनाकार
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र