बोलो जी भैया हरी हरी…..- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी पहली रचना । इसे मैने 2012 में लिखा था :—–

बोलो जी भैया हरी हरी ।
तू राम नाम जप घरी घरी ।
बोलो जी भैया…………
यह नाम जगत का तारन है ,
कलिकाल से भी उद्धारन है ,
पिरो ले राम नाम की लड़ी लड़ी ।
बोलो जी भैया…………
तेरि बिगड़ी तो बन जाएगी ,
सब क्लेश कष्ट मिट जाएगी ,
तेरि झोली रहेगी भरी भरी ।
बोलो जी भैया…………
तेरा जनम सफल हो जाएग ,
तू भवसागर तर जाएगा ,
यह बात पते की खरी खरी ।
बोलो जी भैया………….
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रचनाकार :

ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र