– पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 का दूसरा चरण 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान के साथ होने जा रहा है। इस चरण में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बीच सीधी टक्कर है। चुनाव प्रचार का अंतिम दिन सभी दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। 23 नवंबर को मतगणना के बाद नतीजे सामने आएंगे, लेकिन चुनावी समीकरण और राजनीतिक रणनीतियों के आधार पर कई सीटों पर परिणाम का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
झामुमो के सामने प्रदर्शन बरकरार रखने की चुनौती
झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके सहयोगी दल कांग्रेस और राजद के सामने पिछले चुनाव में किए गए प्रदर्शन को दोहराने की बड़ी चुनौती है। संताल परगना, जहां पर झामुमो की मजबूत पकड़ मानी जाती है, अब भाजपा की आक्रामक रणनीति के चलते एक कड़ी परीक्षा का मैदान बन गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झामुमो गठबंधन को सत्ता विरोधी लहर, भ्रष्टाचार के आरोपों और भाजपा के मजबूत अभियान का सामना करना पड़ रहा है।
सीधी टक्कर वाली सीटें और समीकरण
1. जरमुंडी
जरमुंडी में कांग्रेस के बादल पत्रलेख और भाजपा के देवेंद्र कुंवर के बीच मुकाबला है। पिछले चुनाव में कृषि मंत्री रहे बादल पत्रलेख को इस बार कठिन चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा के कुंवर, जिन्होंने इस सीट से पहले भी जीत हासिल की थी, अब मजबूत दावेदार हैं।
2. महगामा
महगामा में कांग्रेस की दीपिका पांडे और भाजपा के अशोक कुमार के बीच कांटे की टक्कर है। इस बार भाजपा ने महगठबंधन के वोट बैंक में सेंधमारी के लिए शीर्ष नेताओं की रैलियों का सहारा लिया।
3. पोड़ैयाहाट
पोड़ैयाहाट सीट पर कांग्रेस के प्रदीप यादव का भाजपा के देवेंद्र नाथ सिंह से मुकाबला है। प्रदीप यादव इस सीट पर लगातार चार बार जीत चुके हैं, लेकिन भाजपा ने इस बार नया चेहरा उतारकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।
4. सारठ
सारठ विधानसभा सीट भाजपा के लिए सुरक्षित गढ़ मानी जाती है। भाजपा के रणधीर सिंह को झामुमो के उदय शंकर सिंह से चुनौती मिल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली ने रणधीर सिंह को अतिरिक्त बल प्रदान किया है।
5. दुमका
दुमका सीट झामुमो के बसंत सोरेन और भाजपा के सुनील सोरेन के बीच है। बसंत सोरेन को अपने ही क्षेत्र में भाजपा की आक्रामक रणनीति का सामना करना पड़ रहा है।
6. देवघर
देवघर में भाजपा के नारायण दास और राजद के सुरेश पासवान के बीच मुकाबला है। भाजपा पिछले दो चुनाव से यहां लगातार जीत दर्ज कर रही है, और इस बार भी बढ़त बनाए हुए है।
7. राजमहल
राजमहल में भाजपा के अनंत ओझा और झामुमो के एमटी राजा के बीच कड़ा मुकाबला है। भाजपा ने यहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सभा करवाई, जिससे अंतिम क्षणों में समीकरण बदलने की उम्मीद है।
8. लिट्टीपाड़ा
झामुमो की परंपरागत सीट मानी जाने वाली लिट्टीपाड़ा में भाजपा के बाबुधन मुर्मू और झामुमो के हेमलाल मुर्मू के बीच सीधी टक्कर है। यहां भाजपा ने क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के लिए दिनेश मरांडी को मैदान में उतारा है।
संताल परगना में भाजपा का बढ़ता दबदबा
संताल परगना, जहां पर 18 सीटों में से अधिकांश पर सीधी लड़ाई है, भाजपा ने क्षेत्रीय समीकरणों को साधने, मजबूत बूथ प्रबंधन और बड़े नेताओं की रैलियों के जरिए झामुमो के गढ़ को भेदने की योजना बनाई है। पाकुड़ सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है, लेकिन कांग्रेस मजबूत स्थिति में है।
चुनावी रणनीतियां और मुद्दे
1. भाजपा की रणनीति:
- भाजपा ने भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर झामुमो सरकार को घेरा है।
- केंद्रीय नेताओं जैसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों ने पार्टी को अतिरिक्त समर्थन दिया है।
- भाजपा ने जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को साधने के लिए नई रणनीतियां अपनाई हैं।
2. झामुमो की रणनीति:
- झामुमो ने अपनी पुरानी योजनाओं और जनकल्याणकारी कार्यों को आगे बढ़ाने का वादा किया है।
- मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने खुद को आदिवासी और पिछड़े वर्ग का मसीहा बताते हुए वोट मांगे हैं।
- पार्टी ने बेरोजगारी और सरकारी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देने के अपने फैसलों को हाईलाइट किया है।
प्रमुख सीटों पर भाजपा की बढ़त की संभावना
देवघर, सारठ, राजमहल, दुमका, और जरमुंडी जैसी प्रमुख सीटों पर भाजपा का दबदबा बढ़ता दिख रहा है। भाजपा की आक्रामक प्रचार रणनीति और झामुमो के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर ने उसे इन सीटों पर बढ़त दिलाई है।
भाजपा की लहर की संभावना
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण में 38 सीटों पर कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। भाजपा और झामुमो के बीच सीधी टक्कर वाली सीटों में भाजपा ने आक्रामक प्रचार, बूथ प्रबंधन, और प्रभावी उम्मीदवारों के जरिए अपनी स्थिति मजबूत कर ली है।
झारखंड में मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य, सत्ता विरोधी लहर, और भाजपा की आक्रामक रणनीति को देखते हुए, ऐसा लगता है कि भाजपा और एनडीए गठबंधन इन सीटों पर बहुमत हासिल कर सकते हैं। संभवतः भाजपा संताल परगना और अन्य क्षेत्रों में झामुमो के गढ़ को भेदने में सफल होगी, जिससे एनडीए को अधिकतम सीटों पर जीत दर्ज करने का अवसर मिलेगा।