DHARM मूरारी गिरवरधारी राखो लाज हमारी…..- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र admin February 20, 2025 द्रौपदी के चीरहरण पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना:—-. मूरारी गिरवरधारी राखो लाज हमारी । हो मूरारी गिरवरधारी राखो……… बीच सभा में देखो दुष्ट दुशासन, खींचत चीर हमारी । हो मूरारी गिरवरधारी राखो……… गंगापुत्र पितामह मेरे, रहे मओन ब्रत धारी । हो मूरारी गिरवरधारी राखो……… कुरुनरेश गुरुद्रोण कृपा सब, बैठे हाथ पसारी । हो मूरारी गिरवरधारी राखो……… पाँच पती बैठे मनमारी, केहू न राखनहारी । हो मूरारी गिरवरधारी राखो……… आरत बचन सुनी जब प्रभु ने, दिन्हीं बसन पट डारी । हो मूरारी गिरवरधारी राखो……… खैंचत चीर दुशासन हारा, राखी लाज मुरारी । हो मूरारी गिरवरधारी राखो……… रचनाकार : ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र