साहिबगंज में बड़ा हादसा: गंगा नदी में नाव पलटने से 4 लोग डूबे, 1 का शव मिला

साहिबगंज: जिले में बड़ा हादसा हुआ है. गंगा नदी में नाव पलटने से चार लोग पानी में डूब गए. एक युवक का शव निकाला जा चुका है. वहीं तीन लोग अभी भी लापता है. नाव पर कुल 31 लोग सवार थे. पूरी घटना गंगा नदी थाना क्षेत्र के गदाई दियारा की है.

गदाई दियारा में उफनती गंगा में नाव पलटने से 31 लोग गंगा में गिर गए. 31 लोगों में से 28 तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन चार लोग गंगा में डूब गए. साथ आए युवकों ने एक युवक को बाहर निकाला, लेकिन युवक की मौत हो चुकी थी. वहीं तीन लोग अभी भी लापता हैं. डूबने वाले चारों युवक आदिवासी हैं. घटना सुबह साढ़े सात बजे की है.

ग्रामीणों के अनुसार, जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर रांगा थाना क्षेत्र के बरहड़वा प्रखंड स्थित बिंदुवासनी मंदिर के पास एक गांव के 17 आदिवासी युवक चूहे मारने के लिए घर से निकले थे. वे सुबह-सुबह महाराजपुर गंगा घाट पहुंचे और नाव पर सवार होकर गंगा पार की.

फिर वापस लौटते समय इन आदिवासी युवकों के अलावा स्थानीय लोग भी नाव पर सवार हुए. नाव पर कुल 31 लोग सवार थे. नाव पर आवश्यकता से अधिक लोगों के सवार होने के कारण उफनती गंगा में नाव असंतुलित हो गई और पलट गई. सभी लोग तैरकर बाहर निकल आए, लेकिन चार आदिवासी युवक पानी में डूब गए.

कुछ युवकों ने किसी तरह गंगा में डुबकी लगाकर काहा हांसदा नामक युवक को बाहर निकाला. लेकिन उनके साथ आए कृष्णा, जमाई और एक अन्य व्यक्ति को बाहर नहीं निकाला जा सका. वहीं निकाले गए काहा हांसदा की मौत हो चुकी है. मृतक काहा हांसदा को जिला सदर अस्पताल लाया जा रहा है. स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गोताखोरों की मदद से तलाश शुरू कर दी है.

रांगा थाना क्षेत्र से चूहे पकड़ने आए सपना दामुदा, सुबरा मरांडी और राम किस्कू ने बताया कि वे लोग सुबह-सुबह चूहे पकड़ने निकले थे. कुल 17 साथी आए थे. बरसात के मौसम में बिल में पानी भर जाने पर चूहे बाहर निकल आते हैं. इसी सोच के साथ वे दियारा आए थे. उन्हें पता ही नहीं था कि गंगा का जलस्तर बढ़ गया है. नाव पर कुल 31 लोग सवार थे. जिसमें हमारे चार साथी डूब गए. एक को बचा लिया गया है.

“एनडीआरएफ की टीम बाढ़ खत्म होने तक साहिबगंज में डेरा डाले रहेगी. यह टीम पटना के बिहटा से आ रही है. गृह मंत्रालय से मांग की गई थी जिसे मंजूरी मिल गई है. एनडीआरएफ की टीम जान-माल की रक्षा करेगी. फिलहाल, गोताखोरों के जरिए गंगा में डूबे लोगों को बचाने की कोशिश की जाएगी.” – हेमंत सती, डीसी, साहिबगंज

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