लगा लो जै श्रीराम का नारा….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें राम नाम के महत्व को दर्शाया गया है :—– लगा लो जै श्रीराम का नारा । राम नाम एक…

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सुन रे नर मैं तो रहूँ सदा….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु तो सबके हृदय में हीं निवास करते हैं पर मनुष्य ममता मोह में फंसे होने के कारण उन्हें देख नहीं पाता और मंदिर मंदिर…

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श्रीकृष्ण लियो अवतार पावन….- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

यदुवंश में भगवान श्रीकृष्ण का अवतार हुआ है, गोकुल में आनन्द उत्सव मनाया जा रहा है, बधावा बज रहा है, नन्द जी और यशोदा जी…

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रखियो बहना की लाज हमार भैया …- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

भाई दूज के अवसर पर भाई की प्रतीक्षा करती एक बहन का हृदयोद्गार मेरी इस रचना के माध्यम से प्रस्तुत है:—– रखियो बहना की लाज…

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देखो सज गइ आज अवध नगरी …- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु श्रीराम वनवास समाप्त कर सीता जी और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या लौट आए। गुरु बशिष्ठ जी, सभी माताएँ, भाई भरत जी और शत्रुघ्न…

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आव आव हो चन्दा हमार अँगना ……- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

बाल मन को आनन्द देने वाली मेरी ये रचना प्रस्तुत है । बालक कृष्ण चन्द्रमा को देख कर मचल उठे । कहते हैं “मैया मोरि…

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उचरेला कागा अंँगनवाँ हो……- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु श्री राम के आने की प्रतीक्षा माता शबरी कैसे कर रही है, मेरी भोजपुरी में लिखी गई इस रचना के माध्यम से प्रस्तुत है…

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उन चरनन का गुणगान करूँ,……- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

. चरण कमल रसपान करूँ . उन चरनन का गुणगान करूँ, जेहि चरनन मुनि तिय तारत है । उन चरनन का रज पान करूँ, जेहि…

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सुनियो जि नाथ मैं तो आयो शरण तुम्हारि……- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना:—- सुनियो जि नाथ मैं तो आयो शरण तुम्हारि , नाथ मैं तो आयो शरण तुम्हारी…

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मोरी बालि रे उमीरिया……- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है भोजपुरी में मेरी ये रचना जिसमें राधा जी का विरह वर्णन किया गया है :—— मोरी बालि रे उमीरिया , अब कैसे बीति…

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