जो भी प्रभु ने दिया उसे प्रभु का प्रसाद समझ कर सहर्ष स्वीकार करना चाहिए और उसे प्रभु को हीं समर्पित कर ग्रहण करना चाहिए।…
View More तूने दिया जो हे प्रभू……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
ओ हरी जी! कब लोगे खबर हमारी……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी रचना:—– ओ हरी जी! कब लोगे खबर हमारी । काम क्रोध मद में, उमरिया बितायो प्रभु जी,…
View More ओ हरी जी! कब लोगे खबर हमारी……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रराम तेरे भरोसे कटे जिन्दगी…..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
हे प्रभु मैने तो अपने आप को तुम्हारे हीं भरोसे छोड़ दिया है अब चाहे शरण में राखो या त्याग दो, अब तो मेरा कोई…
View More राम तेरे भरोसे कटे जिन्दगी…..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्ररघुबीर कृपालु दयालु प्रभू…………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना:——— रघुबीर कृपालु दयालु प्रभू , मोहे शरण में अपनी राख प्रभू । मैं अधम कुटिल…
View More रघुबीर कृपालु दयालु प्रभू…………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रक्यूँ न आए प्रभू मैं बुलाता रहा……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु के लिए एक भक्त की व्याकुलता और उसकी आर्त पुकार मेरी इस रचना के माध्यम से:—– क्यूँ न आए प्रभू मैं बुलाता रहा ।…
View More क्यूँ न आए प्रभू मैं बुलाता रहा……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रनारायण भज नारायण……….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
भक्तवत्सल भगवान नारायण अपने भक्तों पर अहैतुकी कृपा करते हैं। अपने भक्तों की रक्षा हर प्रकार से करते हैं। नारद जी को पथभ्रष्ट होने से…
View More नारायण भज नारायण……….. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रमैं तो साँवरिया के रंग में रँगायो चुनरी…..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु के रंग में जो रंग गया वो भवसागर पार उतर गया । इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना :——- मैं तो साँवरिया…
View More मैं तो साँवरिया के रंग में रँगायो चुनरी…..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्ररे मन क्यूँ नहिं भजता हरि को……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
रे मन जिस प्रभु को भज कर केवट, शबरी, गणिका, गिद्ध, अजामिल तर गए उस प्रभु को तू क्यों नहीं भजता ? जिस प्रभु को…
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प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :—– रघुबीर तुम्हारे चरणों में, शत कोटि प्रणाम हमारा । मैं कामी क्रोधी और लोभी…
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प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना:—– आयो रघुबीर शरन तेरी मैं तो । मैं कामी क्रोधी और लोभी, कपटि कुटिल विषयी…
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