प्रस्तुत है मेरी रचना शरणागत भजन के रूप में :—–— आयो तेरी शरण में कृपालू प्रभू, लाज राखो हमारी दयालू प्रभू । मैं तो कपटी…
View More आयो तेरी शरण में कृपालू प्रभू,…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
आयो कान्हा मटकिया फोड़ि गयो……- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
गोपियाँ कहती हैं कि हे सखी देखो कन्हैया आ कर मटकी फोड़ गया। कुछ माखन खाया कुछ भूमी पर गिरा दिया और कुछ ग्वालों को…
View More आयो कान्हा मटकिया फोड़ि गयो……- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्ररघुबर बनवाँ के गैलें कवन रहिया………- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्री राम बन में चले गए हैं । माता कौशल्या विरह वेदना से ब्याकुल हो कर बिलाप कर रही हैं । इसी प्रसंग पर…
View More रघुबर बनवाँ के गैलें कवन रहिया………- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रसिया सजना के संग में………-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
जब विवाह के पश्चात् सीता जी विदा होने लगीं तो वहाँ ऐसा कारुणिक दृश्य उपस्थित हो गया कि मनुष्य की कौन कहे पशु पक्षी भी…
View More सिया सजना के संग में………-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रकहाँ हो कहाँ हो प्यारे रघुबर दुलारे……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
उधर प्रभु श्रीराम वन वन भटक रहे हैं और इधर माता कौशल्या पुत्र राम के विरह में व्याकुल होकर विलाप कर रही हैं। हे प्यारे…
View More कहाँ हो कहाँ हो प्यारे रघुबर दुलारे……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रकहाँ है कहाँ है प्यारी सिया सुकुमारी……….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
सीता जी के हरण के पश्चात् प्रभु श्रीराम सीता विरह में बावला हुए वृक्ष, लता, खग, मृग, कोल, भील, किरातों आदि से सीता जी का…
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प्रभु श्री राम जनकपुर में जब दुल्हा रूप में जनक जी के आँगन में पधारे तब सखियाँ उनके स्वागत के लिए तैयारियाँ करने लगीं। इसी…
View More आए अँगन दुलह रघुराई…… -ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रजब चली छोड़ कर साथ…………-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
जब सीता बनवास में प्रभु श्रीराम जी और सीता जी का मिलन हुआ तो सीता जी ने प्रभु श्रीराम से कहा कि हे स्वामी जब…
View More जब चली छोड़ कर साथ…………-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रराम गैलें अवधवा के त्याग सजनी…… -ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्री राम के बन जाने के पश्चात माता कौशल्या राम विरह में ब्याकुल हो कर बिलाप कर रही हैं और सखियों से अपनी विरह…
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जिन जिन लोगों ने प्रभु में लगन लगाई उनका बेड़ा पार हो गया । इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना—-— साँवरे की लगन…
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