प्रस्तुत है मेरी रचना भोजपुरी में लिखा भजन जिसमें जिन्दगी की सच्चाई वर्णित है । मनुष्य का जन्म सत्कर्म करने के लिये मिलता है परंतु…
View More करिल प्रभु के चरनियाँ में…….….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
सनातन धर्म: prescriptions या restrictions?
PURNENDU PUSHPESH सनातन धर्म, जिसे हिंदू धर्म के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय संस्कृति और धार्मिकता की जड़ों में गहराई से व्याप्त है।…
View More सनातन धर्म: prescriptions या restrictions?हर तरफ प्रभु यही अफसाने हैं……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है मेरी ये रचना शरणागत भजन के रूप में जिसमें मैने प्रभु से विनती की है कि आपने किसी न किसी बहाने से केंवट,…
View More हर तरफ प्रभु यही अफसाने हैं……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रजय जय जय माँ लक्ष्मी भवानी……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है मेरी रचना माता लक्ष्मी की वन्दना :—– जय जय जय माँ लक्ष्मी भवानी । विष्णु प्रिया तुम जगत की माता , तुम हो…
View More जय जय जय माँ लक्ष्मी भवानी……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रप्रभु के नाम नाहीं आवै हो, चलन बेरीया……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
मनुष्य काम क्रोध मद लोभ मोह ममता में प्रभु को भूल जाता है यही कारण है कि जब अंत समय आता है तो उसके मुख…
View More प्रभु के नाम नाहीं आवै हो, चलन बेरीया……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रविधि हरि हर को प्रणाम हमारा……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है ब्रह्मा विष्णु महेश की एक साथ वन्दना मेरी इस रचना के माध्यम से :—– विधि हरि हर को प्रणाम हमारा । ब्रह्मा करहीं…
View More विधि हरि हर को प्रणाम हमारा……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रमैया विदा करे बेटी गौरा को……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
शिव पार्वती का विवाह सम्पन्न हुआ, विदाई की बेला आगई। माता मैना अपनी पुत्री को बिलख बिलख कर विदा कर रहीं हैं और पुत्री को…
View More मैया विदा करे बेटी गौरा को……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रसखि हो शिव और गौरी के……… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
राजा हिमाचल ने अपनी पुत्री पार्वती का पाणीग्रहण संस्कार किया। पार्वती का हाथ शिव जी के हाथ में सौंपा फिर वर कन्या ने सात फेरे…
View More सखि हो शिव और गौरी के……… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रहरषित हृदय राजा हिमाचल……… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
राजा हिमाचल अपनी अर्द्धांगिनी मैना जी सहित विवाह मण्डप में अपार हर्ष के साथ अपने दामाद शिव जी का चरण पखार रहे हैं और अपने…
View More हरषित हृदय राजा हिमाचल……… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रचलनी के चालल दुलहा……ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
माता मैना के विलाप को देख कर शिव जी ने सुंदर रूप धारण कर लिया। माता ने सखियों सहित शिव जी का परिछन किया। शिव…
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