हर तरफ प्रभु यही अफसाने हैं……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी ये रचना शरणागत भजन के रूप में जिसमें मैने प्रभु से विनती की है कि आपने किसी न किसी बहाने से केंवट,…

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जय जय जय माँ लक्ष्मी भवानी……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी रचना माता लक्ष्मी की वन्दना :—– जय जय जय माँ लक्ष्मी भवानी । विष्णु प्रिया तुम जगत की माता , तुम हो…

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प्रभु के नाम नाहीं आवै हो, चलन बेरीया……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

मनुष्य काम क्रोध मद लोभ मोह ममता में प्रभु को भूल जाता है यही कारण है कि जब अंत समय आता है तो उसके मुख…

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विधि हरि हर को प्रणाम हमारा……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है ब्रह्मा विष्णु महेश की एक साथ वन्दना मेरी इस रचना के माध्यम से :—– विधि हरि हर को प्रणाम हमारा । ब्रह्मा करहीं…

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मैया विदा करे बेटी गौरा को……. ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

शिव पार्वती का विवाह सम्पन्न हुआ, विदाई की बेला आगई। माता मैना अपनी पुत्री को बिलख बिलख कर विदा कर रहीं हैं और पुत्री को…

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सखि हो शिव और गौरी के……… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

राजा हिमाचल ने अपनी पुत्री पार्वती का पाणीग्रहण संस्कार किया। पार्वती का हाथ शिव जी के हाथ में सौंपा फिर वर कन्या ने सात फेरे…

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हरषित हृदय राजा हिमाचल……… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

राजा हिमाचल अपनी अर्द्धांगिनी मैना जी सहित विवाह मण्डप में अपार हर्ष के साथ अपने दामाद शिव जी का चरण पखार रहे हैं और अपने…

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चलनी के चालल दुलहा……ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

माता मैना के विलाप को देख कर शिव जी ने सुंदर रूप धारण कर लिया। माता ने सखियों सहित शिव जी का परिछन किया। शिव…

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कइसन अशुभ अमंगल भेष बा तोहार दुलहा……… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

शिव जी की बारात पर्वतराज हिमाचल के दरवाजे पर पहुँची। पार्वती जी की माता मैना जी परिछन करने चलीं। जब मैना जी ने शिव जी…

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चलो री सजनी देखन……… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

जब सखियों ने सुना कि विचित्र बारात सजा कर पार्वती का दुल्हा आया है तो कहतीं हैं कि चलो पार्वती का दुल्हा देखने और शिव…

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