तीखी कूटनीति : आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक हुंकार

सम्पादकीय – पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘    ‘ऑपरेशन ‘सिन्दूर ‘ के बाद हमें इस समय की बदलती रणनीति को गंभीरता से समझना चाहिए। भारत अब…

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भ्रष्टाचार की हाँडी और नौकरशाही का काला चावल

सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ झारखंड की धरती एक बार फिर उसी दाग़ से सनी है, जो बरसों से इसकी छवि को मलिन करता रहा…

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बोकारो की जनता को बहकाना नहीं, सच्चाई बताना जरूरी है

सम्पादकीय: पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘   लोकतंत्र की बुनियाद उस भरोसे पर टिकी होती है जो जनता अपने प्रतिनिधियों पर करती है। जब यह भरोसा टूटता…

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देशहित से पृथक विपक्ष: एक सुनियोजित आत्मविनाश

सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ अजीब दौर है देश का — एक तरफ भारत दुनिया को अपनी सैन्य क्षमता और कूटनीतिक समझ से अचंभित…

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मोदी की कूटनीति: संवाद, संयम और संकल्प का संगम

सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ भारत-पाकिस्तान संबंधों और हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तीव्र प्रतिक्रियाएँ देखने को…

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भारत-पाक युद्ध और पत्रकारिता: जब हर शब्द देश का प्रहरी हो

सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘    युद्ध का दौर है दोस्तो। गोलियां चल रही हैं, मिसाइलें दागी जा रही हैं, दुश्मन के इलाके में…

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थोड़ा “ज़िंदगी जीने की क्लास” भी ज़रूरी है

सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘  चलिए, सीधी बात करते हैं — हम सबने स्कूल और कॉलेज में खूब पढ़ाई की है। गणित में पसीना…

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पाकिस्तान, अब तो अपनी ब्लैक मनी को काम में ले ही लो!

-पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘    एक ख्याल आया और मुस्कान छूट गई। फिर सोचा — हँसी में टाल देने जैसी भी नहीं है यह बात।…

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कश्मीर की आर्थिक उन्नति से विचलित आतंक: पहलगाम पर सुनियोजित हमला

सम्पादकीय: पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ कश्मीर की घाटी एक बार फिर स्थानीय राजनीति और आतंकवादी साजिशों के केंद्र में आ चुकी है। एक ओर केंद्र…

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