सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ झारखंड की धरती एक बार फिर उसी दाग़ से सनी है, जो बरसों से इसकी छवि को मलिन करता रहा…
View More भ्रष्टाचार की हाँडी और नौकरशाही का काला चावलCategory: National
बोकारो की जनता को बहकाना नहीं, सच्चाई बताना जरूरी है
सम्पादकीय: पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ लोकतंत्र की बुनियाद उस भरोसे पर टिकी होती है जो जनता अपने प्रतिनिधियों पर करती है। जब यह भरोसा टूटता…
View More बोकारो की जनता को बहकाना नहीं, सच्चाई बताना जरूरी हैदेशहित से पृथक विपक्ष: एक सुनियोजित आत्मविनाश
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ अजीब दौर है देश का — एक तरफ भारत दुनिया को अपनी सैन्य क्षमता और कूटनीतिक समझ से अचंभित…
View More देशहित से पृथक विपक्ष: एक सुनियोजित आत्मविनाशमोदी की कूटनीति: संवाद, संयम और संकल्प का संगम
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ भारत-पाकिस्तान संबंधों और हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तीव्र प्रतिक्रियाएँ देखने को…
View More मोदी की कूटनीति: संवाद, संयम और संकल्प का संगमभारत-पाक युद्ध और पत्रकारिता: जब हर शब्द देश का प्रहरी हो
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ युद्ध का दौर है दोस्तो। गोलियां चल रही हैं, मिसाइलें दागी जा रही हैं, दुश्मन के इलाके में…
View More भारत-पाक युद्ध और पत्रकारिता: जब हर शब्द देश का प्रहरी होपाकिस्तान, अब तो अपनी ब्लैक मनी को काम में ले ही लो!
-पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ एक ख्याल आया और मुस्कान छूट गई। फिर सोचा — हँसी में टाल देने जैसी भी नहीं है यह बात।…
View More पाकिस्तान, अब तो अपनी ब्लैक मनी को काम में ले ही लो!चित्रगुप्त से कही गयी गौरैया पीड़ा कथा -डॉ प्रशान्त करण
चित्रगुप्त जी को अपनी नींद और अपना ऐशोआराम बड़ा प्रिय था। इससे उनके अहंकार का पौधा वटवृक्ष बन खूब फैलने लगा था। परिवारवाद ने यह…
View More चित्रगुप्त से कही गयी गौरैया पीड़ा कथा -डॉ प्रशान्त करणप्रशासन की सख्ती से गुटखा बिक्री पर लगाम, मोराबादी में चला विशेष अभियान
रांची : प्रशासन और पुलिस के चलते निकोटिनयुक्त गुटखा और पान मसाला की बिक्री पर अब शिकंजा कसता जा रहा है। खाद्य सुरक्षा एवं मानक…
View More प्रशासन की सख्ती से गुटखा बिक्री पर लगाम, मोराबादी में चला विशेष अभियानराष्ट्रीय प्रेस दिवस: स्वतंत्र पत्रकारिता और उभरते पत्रकारों की चुनौतियां
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। हर साल 16 नवंबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय प्रेस दिवस न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता और उसके महत्व को…
View More राष्ट्रीय प्रेस दिवस: स्वतंत्र पत्रकारिता और उभरते पत्रकारों की चुनौतियांझारखंड में वर्तमान विधायकों के प्रति असंतोष: जनाक्रोश और परिवर्तन की चाहत
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। झारखंड में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी जोरों पर है, और इस बार चुनावी मैदान में जो सबसे बड़ी बात…
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