साधो ! क्षमता हो तो विकास के साथ उसका विकास करना होता है. जो विकास के साथ नहीं चलता , विकास उसके साथ नहीं चलता…
View More विकास क्षमता का………..प्रशान्त करणCategory: VIEWS
न हुई भेंट उनसे……………….प्रशान्त करण
यह कौतुहल का विषय ही नहीं और न ही विषय है प्रेम का . न किसी प्रेमिका से न मिलने का , न जिनसे आवश्यक…
View More न हुई भेंट उनसे……………….प्रशान्त करणअभिनन्दन कराने की ललक…… -प्रशान्त करण
मुझे व्यवसायिक रूप से लिखते हुए कई वर्ष हो गए,अपना अभिनन्दन कराने के लिए ललक लिए फिर रहा हूँ।इस बीच मेरे कई जन्मदिन भी आए…
View More अभिनन्दन कराने की ललक…… -प्रशान्त करणहम क्या हैं? …………….-प्रशान्त करण
क – समझते क्या हो अपने को? च – आप जानते भी हो, हम क्या हैं? क – हमें जरूरत क्या है आपको जानने की?…
View More हम क्या हैं? …………….-प्रशान्त करणरहा भागता सारी रात……..-प्रशान्त करण
रविवार की रात्रि सरकार से प्रत्यक्ष अथवा किसी प्रकार भी परोक्ष रूप से जुड़े लोगों के लिए निनांत रूप व्यक्तिगत क्षण होता है. संध्याकाल से…
View More रहा भागता सारी रात……..-प्रशान्त करणअनुभव इस बार के मतदान का……..प्रशान्त करण
जीवन के यात्रा में आगे बढ़ते हुए कई बार मतदान किया. जब छठी कक्षा में था तो उत्सुकता से घर के पास बने मतदान जेंडर…
View More अनुभव इस बार के मतदान का……..प्रशान्त करणभूले हुए सत्य की कथा ….. -प्रशान्त करण
कलियुग के प्रथम चरण में आर्यावर्त की पावन धरा पर ऋषि दुर्बुद्धि बड़े प्रसिद्द हुए . जन्म से ही वे अल्पतम समय और योग्यता के…
View More भूले हुए सत्य की कथा ….. -प्रशान्त करणदेश तोड़ने की मांग करने वाले कौन? : आर.के. सिन्हा
निस्संदेह बजट प्रस्तावों की तीखी आलोचना करने में कोई बुराई भी नहीं है। आप देश के सामान्य नागरिक हों या फिर सांसद,आपको केन्द्रीय बजट पर…
View More देश तोड़ने की मांग करने वाले कौन? : आर.के. सिन्हाएक यथार्थवादी फिल्मकार
आलेख- धर्मेंद्र नाथ ओझा शहर कराची ! सूरज डूबने से पहले अचानक सिंधी मोहल्ले के घरों के कई दरवाज़ों की कुंडी एक साथ बजने लगती…
View More एक यथार्थवादी फिल्मकारआदिवासी पत्रकार व आदिवासी पत्रकारिता की आवश्यकता
Article by Purnendu Pushpesh आदिवासी पत्रकारिता एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है जो आदिवासी समुदायों की आवाज़ को सुनने और समझने में मदद करता है, और उनकी…
View More आदिवासी पत्रकार व आदिवासी पत्रकारिता की आवश्यकता