- PURNENDU PUSHPESH, Chief Editor
बच्चे एक तरह से पौधों की तरह होते हैं, और माता-पिता माली की तरह। जिस तरह से उनकी देखभाल की जाएगी, उसी तरह का परिणाम देखने को मिलेगा। बच्चों में अच्छी आदतों का विकास तभी संभव है जब वे शरारतें कर रहे हों या कई छोटी-छोटी गलतियां कर रहे हों, और इस दौरान उन्हें सही मार्गदर्शन मिल रहा हो। कुछ माता-पिता बच्चों की शरारतों और गलतियों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, यह सोचकर कि बच्चा अभी छोटा है। पर यही छोटी-छोटी गलतियां उनकी आदतें बन जाती हैं और भविष्य को प्रभावित करती हैं।
बचपन की गलतियों को सुधारने का अवसर होता है, पर यदि यह समय गंवा दिया जाए, तो यह आदतें बन जाती हैं, जिन्हें सुधारना मुश्किल हो जाता है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को बचपन से ही सही तालीम दें। यदि कोई बच्चा गलती करता है, तो उसे प्यार से समझाएं, जैसे कि यदि बच्चा कोई चीज खराब कर देता है या तोड़ देता है, तो उसे मारें नहीं, बल्कि उसे समझाएं।
अच्छे संस्कार घर के माहौल से आते हैं। यदि आप बच्चों में शिक्षा, स्वास्थ्य, ईमानदारी, सादगी, विनम्रता, और बड़ों का सम्मान जैसे गुण डालने के लिए सुबह-शाम एक घंटे का समय देते हैं, तो आपको अवश्य ही अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। बच्चे को खिलौना न देने पर वह कुछ समय तक रोएगा, पर यदि संस्कार नहीं दिए जाएं, तो वह जीवन भर रोएगा।
बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहना भी आवश्यक है। बच्चे अपने माता-पिता पर निर्भर होते हैं, और उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए संतुलित आहार देना जरूरी होता है। आहार देते समय इसके फायदे भी बताएं ताकि बच्चे इसे अपने भोजन का हिस्सा बना सकें और यह उनकी आदत बन जाए, जो भविष्य में अच्छे स्वास्थ्य में मददगार साबित होगी।
बच्चों को बचपन से ही उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना चाहिए। यदि बचपन शिक्षा से जुड़ा रहेगा, तो आगे चलकर बच्चा उसी दिशा में अच्छा प्रदर्शन करेगा। मानव जीवन में एक उद्देश्य का होना बहुत आवश्यक है; कोई भी व्यक्ति बिना लक्ष्य के बड़ा मुकाम हासिल नहीं कर सकता है।
प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चे को उच्च शिक्षा दिलाने का प्रयास करते हैं, लेकिन सफलता तभी संभव है जब विद्यार्थी शिक्षा के दौरान अपना लक्ष्य बनाए। बच्चों को महापुरुषों के बारे में बताएं कि वे विश्वविख्यात क्यों हैं और उनका जीवन संघर्ष कैसा था। महापुरुषों की प्रेरणा से बच्चों में एक नई ऊर्जा का संचार हो सके। नैतिक शिक्षा का ज्ञान, ईमानदारी का पाठ, और अच्छी सोच का प्रकाश बच्चों को दें। उन्हें बड़ों का सम्मान करना, अपने से कमजोर व्यक्ति को पहचानना, उनका सम्मान करना, और समय पर उनकी मदद करना सिखाएं। ताकि बच्चों में मानवीय गुण बरकरार रह सकें।
बच्चों का सही मार्गदर्शन और देखभाल उनकी जीवन की नींव है। अच्छे संस्कार, शिक्षा, और स्वास्थ्य की दिशा में उठाए गए कदम न केवल बच्चों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगे, बल्कि समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जाएंगे। माता-पिता की भूमिका इस संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इसे समझते हुए अपने कर्तव्यों का पालन करना आवश्यक है। बच्चों के अच्छे भविष्य के निर्माण में हर छोटी-छोटी बात का ध्यान रखना, वास्तव में एक संपादकीय दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है।