आई.एस.टी.ई. फैकल्टी कन्वेन्शन 2025 का भव्य शुभारंभ, तकनीकी शिक्षा में नवाचार पर रहा जोर

बोकारो : 

गुरु गोबिंद सिंह एजुकेशनल सोसायटीज टेक्निकल कैंपस, बोकारो में 31 अक्टूबर 2025 को इंडियन सोसायटी फॉर टेक्निकल एजुकेशन (आई.एस.टी.ई.) तथा झारखंड यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी (जे.यू.टी.) के संयुक्त तत्वावधान में आई.एस.टी.ई. फैकल्टी कन्वेन्शन 2025 — बिहार एवं झारखंड सेक्शन का दो दिवसीय सम्मेलन आरंभ हुआ। उद्घाटन सत्र में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र की कई प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आई.एस.टी.ई. नई दिल्ली के सचिव डॉ. एस.एम. अली थे, जबकि वर्चुअल माध्यम से जे.यू.टी. रांची के कुलपति डॉ. डी.के. सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। गुरु गोबिंद सिंह एजुकेशनल सोसायटी के अध्यक्ष तरसेम सिंह और संस्थान सचिव सुरेंद्र पाल सिंह समारोह के संरक्षक के रूप में उपस्थित थे। आई.एस.टी.ई. बिहार–झारखंड सेक्शन के अध्यक्ष एवं एम.आई.टी. मुजफ्फरपुर के प्राचार्य डॉ. एम.के. झा भी मंचासीन रहे।

कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसके बाद अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया। जी.जी.पी.एस.–चास के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत शबद-गान ने माहौल को प्रेरणादायी बना दिया। कॉलेज निदेशक डॉ. प्रियदर्शी जरुहार ने स्वागत भाषण देते हुए संस्थान की उपलब्धियों और इस सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।

उद्घाटन सत्र में आई.एस.टी.ई. फैकल्टी कन्वेन्शन 2025 की बुक ऑफ प्रोसीडिंग्स का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर आई.एस.टी.ई. नई दिल्ली द्वारा कॉलेज में फैकल्टी चैप्टर की स्थापना की घोषणा की गई। कार्यक्रम में प्रदेशभर से चयनित 21 फैकल्टी सदस्यों को बेस्ट फैकल्टी अवॉर्ड 2025 से सम्मानित किया गया, जो तकनीकी शिक्षण में उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया।

अध्यक्ष तरसेम सिंह ने अपने संबोधन में संस्थान की शैक्षणिक दिशा, अनुशासन और तकनीकी नवाचार की भूमिका पर बल दिया। मुख्य अतिथि डॉ. एस.एम. अली ने संस्थान की सराहना करते हुए फैकल्टी सदस्यों और छात्रों को नवीन तकनीकों के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ने का संदेश दिया।

कार्यक्रम का संचालन प्रो. रश्मि ठाकुर ने किया, जबकि आयोजन में प्रो. रोही प्रसाद, प्रो. आशीष, प्रो. सुमित पांडे, प्रो. पल्लवी प्रसाद, सुश्री शाहनाज फरहीन, अनिल सिंह, केयरटेकर श्रवण सिंह और अन्य सदस्यों का विशेष योगदान रहा।

कन्वेंशन के कन्वेनर निदेशक डॉ. प्रियदर्शी जरुहार और आयोजन सचिव डॉ. मनोजीत डे ने बताया कि 1 नवंबर को होने वाले तकनीकी सत्रों में 33 शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे, जो शिक्षा, अनुसंधान और तकनीकी प्रगति के नए आयाम तय करेंगे।

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