ज्योतिष एवं वास्तु विज्ञान में जगमगाता सितारा : ज्योतिषी संतोषाचार्य जी

पूरे भूमंडल के प्राणी एवं वनस्पतियाँ ब्रह्मांड मे व्याप्त अनेक ग्रहों एवं नक्षत्रों के प्रभाव क्षेत्र में ही संचारित रहा करते हैं। सदियों से ही मनीषियों ने इस बात को सप्रमाण स्वीकार किया है। ग्रहविदो, ज्योतिषियों एवं वैज्ञानिकों के बदौलत ही ये सब संभव हो सका है। ये प्रतिभावान उनपर शोध तथा अनवरत खोज जारी रखते हुए अपनी दशा एवं दिशा का दिग्दर्शन कराकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। संसार में सभी बालक से लेकर वृद्ध तक, अशिक्षित से शिक्षित तक, स्त्री-पुरुष, अमीर-गरीब, व्यापारी-कर्मचारी, मजदूर-किसान, शासक-प्रशासक सभी वर्ग के लोग अपना भविष्य जानने की तीव्र उत्कंठा रखते है। यहाँ तक कि सभी का त्याग किये हुए अरण्य में रहने वाले मुनिजन भी अपना भविष्य जानने के लिए उत्सुक रहते हैं, तो फिर साधारण मनुष्य की क्या बात है? और उनकी यह जिज्ञासा शान्त करता है, ज्योतिषशास्त्र …. केवल ज्योतिषशास्त्र !

प्रतिभा की कोई उम्र नहीं होती और न किसी की प्रोत्साहन तथा प्रशंसा का मोहताज़ ही रहता है। विशेषकर भारतवर्ष की भूमि ऐसे प्रतिभावानों के लिए अति उर्वरक रही है। भारत की महानतम भूमि ने ऐसे दिव्य रत्न प्रदान किए हैं जिनकी मनीषा और विलक्षणता ने समस्त संसार को चौंका दिया है उनमें अभिमन्यू, आर्यभट्ट, शंकराचार्य, महेश्वर, नंदिता आदि का योगदान उल्लेखनीय रहा है। आज भी उनकी बुद्धिमता और ज्ञान रहस्य का विषय है। ज्योतिष भारत की समृद्ध और यशस्वी परंपरा है। ज्योतिषविदों को ब्रह्मांड से लेकर पाताल तक के रहस्य की जानकारी रहती है। उन्हीं की परंपरा में एक ऐसे विभूति हैं जिनका नाम सुविख्यात है – ज्योतिषी संतोषाचार्य जी का।

ज्योतिषी संतोषाचार्य जी बिहार के उदीयमान जगमगाता एक सितारा हैं जिन्हें अल्पायु में ही दैवीय प्रेरणा स्वरूप ज्योतिष विज्ञान में अभिरुचि जगी, जिसके कारण अपने उतरोत्तर अध्ययन एवं शोध से अनुभव प्राप्त कर 1992 से ही लोगों को अनेक प्रकार की चिंताओ, भाग्यदोषों का निराकरण कराते हुए नक्षत्र गति की दशा एवं दिशाओं का परिमार्जन उपाय तथा उचित एवं सटीक निर्देशन, परामर्श देने का गुरुत्तर कार्य में व्यस्त रहा करते हैं।

‘आचार्य जी’ की प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा बोकारो में पूर्ण हुई। मोनाड विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश से सिविल अभियांत्रिकी में बी.टेक. डिग्री प्राप्त करने के पश्चात ये बहुमुखी प्रतिभा एवं बहुआयामी भौगोलिक विज्ञान के शास्वत प्रभावों पर शोध एवं अध्यन हेतु ज्योतिष विशारद, हस्तरेखा एवं वास्तुशास्त्र में आचार्य भारतीय ज्योतिर्विज्ञान संस्थान, चेन्नई (तमिलनाडू) जैसे विश्वविख्यात संस्था से डिग्रियाँ हासिल कर देश के कोने-कोने में अपने ज्योतिष विधा चमत्कार का परचम लहरा रहे हैं। कई देशों में कुंडली, हस्तरेखा व वास्तु के माध्यम से लोगों को आश्चर्यचकित कर डाला है। वास्तुशास्त्र पर आधारित मकान का नक्शा तैयार करना और उत्कृष्ट कारीगरों/कामगारों द्वारा निर्माण इनके कार्यों में प्रमुखता से शामिल है।

सौभाग्य से प्रत्येक माह के चंद दिनों के लिए झारखण्ड में कदमपोशी करने के दौरान विभिन्न शहरों में एक से दो दिन के लिए अपना बहुमूल्य समय प्रदान करने के सहमति इन्होंने दे डाली है। इसका एक मात्र कारण यही है कि झारखण्ड प्रदेश से इनको आत्मीय संबंध एवं मानसिक लगाव रहा है। झारखण्ड में राँची शहर के प्लाट नंबर – 31, न्यू ए.जी. कॉलोनी, कडरु में फ़ोन: +91 73220 24 365 पर संपर्क कर समय लिया जा सकता है।

संप्रति बिहार में ये ‘श्री सदन, हरिदासपुर, अंजान जी मार्ग, रुकुनपुरा-खगौल रोड, खगौल, पटना, बिहार, पिन कोड – 801105 में निवास करते हैं। इनसे संपर्क करने के इच्छुक जन निम्न संपर्क संख्या पर बाते कर सकते हैं या इनके वेबसाइट पर मिलने का समय सुनिश्चित करा सकते हैं :
रांची : +91 7322024365,
पटना : +91 7371024365,
दिल्ली : +91 9934324365,
https://www.asriindia.com

Leave a Reply