प्रस्तुत है ब्रह्मा विष्णु महेश की एक साथ वन्दना मेरी इस रचना के माध्यम से :—–
विधि हरि हर को प्रणाम हमारा ।
ब्रह्मा करहीं जगत के रचना ,
विष्णु जगत के पालनहारा ।
रुद्र रूप में शिव पंचानन ,
करहिं जगत संहारा ।
विधि हरि हर को प्रणाम हमारा ।।
विधि हैं सबके भाग्य विधाता ,
वाम विराजत शारद माता ,
महिमा जाकी अपरम्पारा ।
विधि हरि हर को प्रणाम हमारा ।।
विष्णु इंदिरा सहित विराजत ,
शैय्या शेष चतुर्भुज राजत ,
धरि बहु रूप असुर संहारा ।
विधि हरि हर को प्रणाम हमारा ।।
गौरी सहित शंभु अविनाशी ,
बसह विराजत सुख के राशी ,
रतिपति कामदेव जेहि जारा ।
विधि हरि हर को प्रणाम हमारा ।।
ब्रह्मा करहीं जगत के रचना ,
विष्णु जगत के पालनहारा ।
रुद्र रूप में शिव पंचानन ,
करहिं जगत संहारा ।
विधि हरि हर को प्रणाम हमारा ।।
विधि हैं सबके भाग्य विधाता ,
वाम विराजत शारद माता ,
महिमा जाकी अपरम्पारा ।
विधि हरि हर को प्रणाम हमारा ।।
विष्णु इंदिरा सहित विराजत ,
शैय्या शेष चतुर्भुज राजत ,
धरि बहु रूप असुर संहारा ।
विधि हरि हर को प्रणाम हमारा ।।
गौरी सहित शंभु अविनाशी ,
बसह विराजत सुख के राशी ,
रतिपति कामदेव जेहि जारा ।
विधि हरि हर को प्रणाम हमारा ।।
रचनाकार
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र