प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :——
जय रघुबीर भगत हितकारी ।
जय जय जय संतन्ह सुखकारी ।
नारद मुनि को हे परमेश्वर ,
मोह से तुम्हीं छुड़ाए ।
प्रेम के वश हो कौशल्या के ,
पुत्र रूप में आए ।
हे भक्तों के पालनहारे ,
आयो शरण तुम्हारी ।
जय रघुबीर भगत…………
काग भुषुण्डी को हे प्रभु जी ,
अदभुत रूप दिखाए ।
खगपति का भी हे परमेश्वर ,
भ्रम को तुम्ही मिटाए ।
मेरी बिनती सुनो हे स्वामी ,
रक्षा करो हमारी ।
जय रघुबीर भगत…………
खगपति = गरूड़ जी
रचनाकार
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र