प्रस्तुत है माता दुर्गा का भजन मेरी कलम से:—
मैया दुर्गे के दरबार में लगा लो जयकारा ।
मैया के चरणों की सेवा जो करता,
मैया का निश दिन ध्यान जो धरता,
हरती दुसह दुख सारा हो लगा लो जयकारा ।
मैया दुर्गे के दरबार में………..
मैया कि किरपा से मिलती है सुख सम्पत्ती,
मैया कि किरपा से मिटती है सारि बिपत्ती,
भरती सकल भंडारा हो लगा लो जयकारा ।
मैया दुर्गे के दरबार में………..
मैया कि महिमा है अगम अपारा भैया,
गावत शारद पावैं न पारा भैया,
शिव बिरंचि गावत बहु बारा हो लगा लो जयकारा ।
मैया दुर्गे के दरबार में………..
रचनाकार
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र