प्रस्तुत है भोजपुरी में मेरी ये रचना जिसमें राधा जी का विरह वर्णन किया गया है :——
मोरी बालि रे उमीरिया ,
अब कैसे बीति राम ।
मोरी बालि रे उमीरिया…….
रो रो के बोली राधा,
मोहे तजि के गयो श्याम ।
मोरी बालि रे उमीरिया…….
कहि के त गइलें मोहन ,
जल्दी अइबो एही धाम ।
मोरी बालि रे उमीरिया…….
दिन गीनत बीतल बरसों ,
नाहिं अइलें घनश्याम ।
मोरी बालि रे उमीरिया…….
सुधि लिन्हीं नाहिं मोहन ,
निर्मोही भइलें श्याम ।
मोरी बालि रे उमीरिया……
रचनाकार
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र