रखियो बहना की लाज हमार भैया …- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

भाई दूज के अवसर पर भाई की प्रतीक्षा करती एक बहन का हृदयोद्गार मेरी इस रचना के माध्यम से प्रस्तुत है:—–

रखियो बहना की लाज हमार भैया ।
माँगे बहना जनम भर का प्यार भैया ।
रखियो बहना की लाज…………….

साल में ये दिन आता एक बार भैया,
हमको रहता इसी का इन्तजार भैया,
आ के करदो सपन मोर साकार भैया ।
रखियो बहना की लाज……………..

साथ खेली अँगन घर द्वार भैया,
सुनके आऊँ बिरन की पुकार भैया,
याद आवे वो बचपन का प्यार भैया ।
रखियो बहना की लाज……………..

माँगे बहना न बंगला न कार भैया,
माँगे नथिया न झुमका न हार भैया,
माँगे भाइ के जिवन में बहार भैया ।
रखियो बहना की लाज…………….

 

रचनाकार

  ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र