अँगना में तुलसी लगैबो…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है तुलसी विवाह पर मेरी ये रचना:—-

अँगना में तुलसी लगैबो,
हरि जी को बुलैबो ।
कार्तिक मास शुकल पख पावन,
एकादश तिथि अति परम सुहावन,
देवथानी पूजन करैबो ।
हरि जी को बुलैबो ।
अँगना में तुलसी लगैबो……
कदली के पत्ता से मण्डप सजैबो,
चन्दन और चोवा से चौका पुरैबो,
सुबरन कलश सजैबो ।
हरि जी को बुलैबो ।
अँगना में तुलसी लगैबो……
चरन पखारि आसान बैठैबो,
अगर कपूर कि बाती जलैबो,
आरति थाल सजैबो ।
हरि जी को बुलैबो ।
अँगना में तुलसी लगैबो……
फल पकवान का भोग लगैबो,
मंगल गान बधाव बजैबो,
तुलसी से ब्याह रचैबो ।
हरि जी को बुलैबो ।
अँगना में तुलसी लगैबो……

 

रचनाकार :

ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र