प्रभु के चरण में जिनकी लगन लग गई वो भवसागर पार उतर गया । इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना :——-
साँवरे की लगन मोहे लागी । गणिका की लागी अजामिल की लागी , गिद्ध भी हो गए चरन अनुरागी । साँवरे की लगन…………… शबरी की लागी अहिल्या की लागी , केवँट भी हो गए चरन अनुरागी । साँवरे की लगन…………… ब्रह्मा की लागी विष्णु की लागी , शिव जी भी हो गए चरन अनुरागी । साँवरे की लगन……………. ध्रुव जी की लागी सुदामा की लागी , नारद भी हो गए चरन अनुरागी । साँवरे की लगन…………… सूर की लागी तुलसी की लागी , मीरा भी हो गई चरन अनुरागी । साँवरे की लगन…………… सन्तन्ह की लागी भक्तन्ह की लागी, ब्रह्मेश्वर भी हो गए चरन अनुरागी । साँवरे की लगन……………