DHARM रघुबीर तुम्हारे चरित अलौकिक….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र admin January 20, 2025 प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें मैने भगवान श्रीराम के कुछ अलौकिक चरित्रों का वर्णन किया है :—— रघुबीर तुम्हारे चरित अलौकिक, गावहिं जग के नर नारी। प्रथम ताड़िका हती मुनी मख, किन्ही रघुपति रखवारी। तारी गौतम तिय शिला बनी, मिथिला पुरि मुनि संग पगु धारी ।। रघुबीर तुम्हारे चरित अलौकिक……… भंजेउ शिव धनु पीनाक, सकल भूपन्ह के तोड़ी मद भारी। ब्याहे जानकी अवध आए, आए तजि राज्य बिपिन भारी।। रघुबीर तुम्हारे चरित अलौकिक………. दंडक बन प्रभु पावन किन्ही, सुर मनुज मुनीजन हितकारी। किन्हीं कुरूप सूपनखा को, त्रिशिरा खर दूषन संहारी।। रघुबीर तुम्हारे चरित अलौकिक………. मारीच बधे जटायू तारे, हति कबंध कपि मैत्रि करी। दिन्हीं बाली को परम गती, बाँधी जलधी अगाध भारी।। रघुबीर तुम्हारे चरित अलौकिक……….. लंका जाई रावन मारे, देवन्हि बिपदा टारी भारी। दिन्हीं लंकापुरि राज्य विभीषण, अवध पुरी में पगु धारी।। रघुबीर तुम्हारे चरित अलौकिक………. रचनाकार : ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र