DHARM होली के दोहे….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र admin March 13, 2025 —: होली के दोहे :—- बरसे रंग चुनर भइ गीली , राधा मोहन खेलत होली । बरसाने में बरसत रंग , मोहन खेलत राधा संग । बृन्दाबन का रंग हुआ लाल , ऐसो उड़त अबीर गुलाल । खेलत फाग बिरज नर नारी, भीगत अँगिया चूनर सारी । . रचनाकार : ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र