राम बनवाँ में आए सुनोरी सजनी….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु श्रीराम को वन में देख कर वनवासी स्त्रियाँ आपस में वार्ता कर रहीं हैं और कहतीं हैं कि हे सखी हम तो कुदेश (बुरे देश ) अर्थात् जंगल प्रदेश में बसती हैं और नीच स्त्री हैं। हमारे लिए तो इनका दर्शन दुर्लभ था पर पता नहीं किस पुण्य के प्रभाव से ये वन में आए और हमें इनका दर्शन प्राप्त हुआ। हमारे लिए तो जैसे मरूभूमि में गंगा जी उपलब्ध हो गईं हैं। हे सखी आज नयन भर के इनका दर्शन कर लो फिर यह अवसर नहीं आएगा।

राम बनवाँ में आए सुनोरी सजनी ।
हम तो बसहिं कुदेश सुनोरी सजनी ,
नारि नीच कहाए सुनोरी सजनी ।
राम बनवाँ में आए……………
इनके दर्शन हैं दुर्लभ सुनोरी सजनी ,
हम तो मरुथल में गंगा हैं पाए सुनोरी सजनी ।
राम बनवाँ में आए……………
कवने पुन्य प्रभाव सुनोरी सजनी ,
इनके दर्शन हम पाए सुनोरी सजनी ।
राम बनवाँ में आए……………
देखु भरि भरि नजरिया सुनोरी सजनी ,
फिर ये अवसर न आए सुनोरी सजनी ।
राम बनवाँ में आए……………

रचनाकार :

ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र