क्यूँ रूठ गए प्रियतम…- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

क्यूँ रूठ गए प्रियतम:–

क्यूँ रूठ गए प्रियतम, अब मान भी जाओ ना ।
क्या खता है आखिर मेरी, कुछ भी तो बताओ ना ।।
गर छोड़ गए मुझ को, फिर मिल नहिं पाऊँ मैं ।
मुँह मोड़ गए मुझ से, फिर जी नहिं पाऊँ मैं ।।
कुछ भी तो बोलो प्रियतम, मुझ को तड़पाओ ना ।
क्यूँ रूठ गए प्रियतम, अब मान भी जाओ ना ।।
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रचनाकार :

ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र