प्रभु की लीला अपरम्पार है। प्रभु के कुछ अलौकिक लीला का चित्रण मेरी इस रचना के माध्यम से प्रस्तुत है :—
तेरी लीला अपरम्पार प्रभू ।
माता को दिखाए विश्व रूप ,
अर्जुन को पढ़ाए नीति पाठ ।
निज सखा सुदामा के तण्डुल का ,
रुचि रुचि भोग लगाए प्रभू ।
तेरी लीला अपरम्पार………..
लीला से बधे त्रिशिरा खर दूषण ,
सीता अनल छुपाए प्रभू ।
छाया सीता का हरण हुआ ,
तब बिरही चरित दिखाए प्रभू ।
तेरी लीला अपरम्पार………..
जब रण में निशिचर बिकल भयो ,
तब नागपाश सिर डारि दियो ।
रण की शोभा के लिए प्रभू ,
अपने को दियो बँधाय प्रभू ।
तेरी लीला अपरम्पार………
रचनाकार
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र