नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी मामले पर आज अहम सुनवाई करते हुए दोबारा परीक्षा नहीं करवाने का आदेश दिया है। सभी पक्षों को सुनने और गहन विचार के बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि नीट-यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होगी।
आज मंगलवार को नीट-यूजी मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि 1 लाख, 8 हज़ार सीटों के लिए 23 लाख से ज़्यादा परीक्षार्थियों ने हिस्सा लिया था। एमबीबीएस की 52 हज़ार निजी कॉलेजों और 56 हज़ार सरकारी कॉलेजों में सीटें हैं। उन्होंने कहा कि नीट-यूजी परीक्षा में 180 प्रश्न होते हैं, जिनके कुल अंक 720 होते हैं। गलत उत्तर के लिए एक नकारात्मक अंक होता है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने सबमिशन को दर्ज करते हुए कहा कि दो प्रमुख आरोप हैं, पहला कागजातों का लीक होना और दूसरा व्यवस्थागत विफलता। नीट मामले के याचिकाकर्ताओं ने सिस्टेमेटिक विफलता का सवाल उठाया और नीट परीक्षा दोबारा कराए जाने की मांग की है। कई राज्यों में इसे लेकर एफआईआर भी दर्ज की गई है। तमाम बातें और तथ्यों को सामने रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि नीट यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट इससे पहले सुनवाई के दौरान अंतरिम आदेश देते हुए, एनटीए, केंद्र और सीबीआई से हलफनामें पेश करने को कहा था। दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, बिहार, और झारखंड में एफआईआर सीबीआई को हस्तांतरित करने के बाद सीबीआई की भूमिका प्रमुख रुप से सामने आई। इसके साथ ही सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि तमाम दलीलों को 4 दिनों से अधिक समय तक सुना गया। सीबीआई के अधिकारी कृष्णा समेत सभी पक्षों को कोर्ट ने सुना है।
कोर्ट ने माना कि नीट-यूजी 2024 का पेपर हजारीबाग और पटना में लीक हुआ था, इस पर कोई विवाद भी नहीं है। सीबीआई की दाखिल रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे 155 छात्र हैं, जिन्हें पेपर लीक गड़बड़ी का फायदा मिला है। अंततः सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट कहा कि नीट-यूजी की परीक्षा दोबारा नहीं होगी।