प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :— सम्हालो साँवरे मुझ को, अधम तेरी शरण आया है । तुम्हारा बिरद रह जाए,…
View More सम्हालो साँवरे मुझ को……… – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रMonth: September 2024
दशरथ कौशल्या के प्रेम के वश…….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
बालक राम अपने बाल चरित्र के द्वारा कैसे सबके मन को हर लेते हैं इसी प्रसंग पर सवैया में प्रस्तुत है मेरी ये रचना:— दशरथ…
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सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। राष्ट्र की एकता, शक्ति और प्रगति का मुख्य आधार है। जब देश के नागरिक एकजुट होते हैं, तो राष्ट्र भी सक्षम…
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प्रस्तुत है ब्रह्मा विष्णु महेश की एक साथ वन्दना मेरी इस रचना के माध्यम से :–– विधि हरि हर को प्रणाम हमारा । ब्रह्मा करहीं…
View More विधि हरि हर को प्रणाम हमारा….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य मृत्विजय ….… – डॉ प्रशान्त करण
विद्वतजनों विगत सात दिनों के निरंतर पठन-पाठन, समझने के प्रयास व अल्प बुद्धि से चिंतन के बाद ऋग्वेद की प्रथम ऋचा ॐ अग्निमीळे पुरोहितं यज्ञस्य…
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सम्पादकीय : पूर्णेन्दु पुष्पेश। भारत में आरक्षण की अवधारणा मूल रूप से सामाजिक न्याय और समानता के उद्देश्य से की गई थी। जब देश आज़ाद…
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प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :— प्रभु मोरे रखियो अपनी शरन में । तुम्हरेहिं माया के बश हो कर ,…
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