– पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश ‘ झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 का दूसरा चरण 20 नवंबर को 38 सीटों पर मतदान के साथ होने जा रहा है।…
View More झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण में निर्णायक टक्करMonth: November 2024
बोलो राम राम राम…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
बोलो राम राम राम, हरे राम हरे राम । बोलो कौशल्या नन्दन, श्रीराम हरे राम । बोलो असुर निकन्दन, श्रीराम हरे राम ।। बोलो राम…
View More बोलो राम राम राम…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रहेमंत सरकार के कार्यकाल में झारखंड: विकास या ठहराव?
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। दिसंबर 2019 में झारखंड में राजनीतिक बदलाव हुआ। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व में हेमंत सोरेन ने सत्ता संभाली।…
View More हेमंत सरकार के कार्यकाल में झारखंड: विकास या ठहराव?हे राम राघव दीनबंधू, दया के भंडार हो……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम से मेरी विनती जिसे मैने छन्द में लिखी है:—– हे राम राघव दीनबंधू, दया के भंडार हो । हे कृपालू हे दयालू, करुणासिन्धु…
View More हे राम राघव दीनबंधू, दया के भंडार हो……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रराष्ट्रीय प्रेस दिवस: स्वतंत्र पत्रकारिता और उभरते पत्रकारों की चुनौतियां
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। हर साल 16 नवंबर को मनाया जाने वाला राष्ट्रीय प्रेस दिवस न केवल पत्रकारिता की स्वतंत्रता और उसके महत्व को…
View More राष्ट्रीय प्रेस दिवस: स्वतंत्र पत्रकारिता और उभरते पत्रकारों की चुनौतियांहमार प्रभू जी सुधिया काहे ना लिहनी…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
हे प्रभु आपने गणिका, गिद्ध, अजामिल, सदन कसाई आदि सभी पापियों की सुध ली उन्हें तारा, आपने शबरी, अहिल्या का भी उद्धार किया पर हे…
View More हमार प्रभू जी सुधिया काहे ना लिहनी…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रसोजा रघुबर प्यारे सोजा…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
माता कौशल्या बालक राम को लोरी गा गा कर सुला रहीं हैं। कहतीं हैं कि हे रघुबीर सूर्य अस्त हो गए, रात्रि हो गई, अंधेरा…
View More सोजा रघुबर प्यारे सोजा…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रझारखंड स्थापना दिवस: संघर्ष से विकास तक की कहानी
सम्पादकीय : पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’। झारखंड राज्य का गठन 15 नवंबर 2000 को हुआ, जो अब तक के भारत के इतिहास में अपनी तरह का…
View More झारखंड स्थापना दिवस: संघर्ष से विकास तक की कहानीक्यूँ न आए प्रभू मैं बुलाता रहा….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना जिसमें एक भक्त की आर्त पुकार को दर्शाया गया है :—– क्यूँ न आए प्रभू…
View More क्यूँ न आए प्रभू मैं बुलाता रहा….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रदुलहा साँवली सुरतीया सुहावन लागै हो …..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम विवाह मंडप में हैं और सखियाँ उनकी शोभा का वर्णन कर रही हैं। कहतीं हैं कि हे साँवरे! तुम्हारी सुहावनी साँवली सूरत और…
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