बोकारो : शराब के सरकारी ठेकों पर ग्राहकों से निर्धारित मूल्य (प्रिंट रेट) से अधिक पैसे वसूलने की शिकायतें आम होती जा रही हैं। स्थिति…
View More बोकारो के शराब ठेकों पर ‘ओवर रेट’ का खेल: आबकारी विभाग की चुप्पी पर सवालMonth: December 2024
तेरी दासी पड़ी है तेरे द्वार…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
एक दासी की करुण पुकार मेरी इस रचना के माध्यम से:—- तेरी दासी पड़ी है तेरे द्वार, सँवरिया फेरो नजरिया । मैं तो प्रभू तेरी…
View More तेरी दासी पड़ी है तेरे द्वार…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रझारखंड भाजपा: आत्ममुग्धता से बाहर आकर पुनरोदय की आवश्यकता
– Purnendu Sinha Pushpesh झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के हालिया प्रदर्शन पर आत्ममंथन करते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि झारखण्ड में…
View More झारखंड भाजपा: आत्ममुग्धता से बाहर आकर पुनरोदय की आवश्यकतासमस्त चराचर जगत ही राममय है…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
समस्त चराचर जगत ही राममय है- मैने समस्त चराचर जगत को राममय देखा । मैने पवित्र कामधेनु में राम को देखा , मैने गंदी नाली…
View More समस्त चराचर जगत ही राममय है…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रमुक्तध्वनि : खबर बेचते, ईमानदारी छुपाते ‘लिफाफाखोर पत्रकार’
Purnendu Sinha ‘Pushpesh’ पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। यह वह पवित्र भूमि है, जहां सच्चाई की मशाल लेकर जनता की आवाज़…
View More मुक्तध्वनि : खबर बेचते, ईमानदारी छुपाते ‘लिफाफाखोर पत्रकार’भाजपा की राजनीति: जानत है सो कहत नहिं कहत सो जानत नाहिं
Purnendu Sinha ‘Pushpesh’ “भईया बात भाजप की कहन सुनन को नाहिं। जानत है सो कहत नहिं कहत सो जानत नाहिं।” यह उक्ति भारतीय जनता पार्टी…
View More भाजपा की राजनीति: जानत है सो कहत नहिं कहत सो जानत नाहिंरँगाली मैने चुनरी साँवरिया तोरे रंग में…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु के रंग में जो रंग गया वो भवसागर पार उतर गया।। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना :—– रँगाली मैने चुनरी साँवरिया…
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प्रभु श्रीराम गंगा पार उतरना चाह रहे हैं पर केंवट नाव नहीं ला रहा है, कहता है कि हे प्रभु जब तक चरण नहीं धुलाइएगा…
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