रघुबीर शरन तेरी आयो जी….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :—– रघुबीर शरन तेरी आयो जी । कितने पापि शरन तेरी आए , करि के…

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परीक्षा का तनाव : कारण व समाधान

– जया सुबोध कृष्णा कक्षा- 8, दिल्ली पब्लिक स्कूल, बोकारो। परीक्षा का नाम सुनते ही कई विद्यार्थियों के मन में घबराहट, चिंता और तनाव का…

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जो तोहे प्रीत लगी हरि चरनन….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

भक्ति की जोति सदा तु जलाओ . (सवैया) — जो तोहे प्रीत लगी हरि चरनन, भक्ति की जोति सदा तु जलाओ। हैं प्रभु दीनदयालु कृपालु,…

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सिंहासन त्यागि राम बन आए….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु श्रीराम राजसिंहासन त्याग कर वन में चले आए हैं और वन वन भटकते अपार दुख सहते भ्रमण कर रहे हैं। मुनियों का वेष धारण…

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जय गणेश गजबदन विनायक…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है गणेश जी पर लिखी भोजपुरी में मेरी ये रचना :——— जय गणेश गजबदन विनायक , लाज राखीं जी । रउरा शरन में हम…

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काहें गैल भैया हो अवधवा के छोड़ि के….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु श्री राम बन में चले गए हैं और भरत जी प्रभु विरह में ब्याकुल हो कर विलाप कर रहे हैं । इसी प्रसंग पर…

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बाजी बाजि रे मुरलिया बाजी मोहन की……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

जब मुरलीमनोहर कृष्ण की मुरली बजने लगती थी तब राधा मुरली की मधुर धुन सुनकर सुधबुध खोकर नाचने लगती थी। इसी प्रसंग पर प्रस्तुत है…

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बन्दे! मीठे बोल बोल…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

रे बन्दे! ईश्वर तुम्हें मानव शरीर देकर इसलिए पृथ्वी पर भेजता है कि तुम प्राणी मात्र से प्रेम करोगे, अपने मीठे वचनों से सबके हृदय…

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राम काहे न आए सुनो री सखिया…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु श्रीराम का वन से अयोध्या लौटने को एक दिन शेष है। माता कौशल्या व्याकुल हैं कि राम अब तक आए क्यों नहीं ? सखियों…

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मन रे तु काहे न राम कहे…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

रे मन! तू क्यों नहीं राम का नाम लेता है ? जिस नाम को लेकर गणिका, गिद्ध, अजामिल आदि अधम तर गए उसी नाम को…

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