जब सम्पूर्ण विश्व पर कठिन संकट आ पड़ा था और कोरोना के भय से सारा जगत त्रस्त था, तब मैं इस रचना को लिखा था।…
View More प्रभु मोरे तुम बिन कौन उबारे…-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रMonth: April 2025
तेरा सेवक पड़ा है तेरे द्वार……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है मेरी ये रचना माता का शरणागत भजन :——— तेरा सेवक पड़ा है तेरे द्वार , मैया खोलो दुअरिया । बहुत दिनन मैया सेवा…
View More तेरा सेवक पड़ा है तेरे द्वार……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रपालने में झुलत चारो भैया….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
माता सब बालक राम चारो भाइयों को पालने में झुला रही हैं और आनन्द मगन हो रही हैं। अन्न धन वस्त्र सोना चाँदी मणि रत्न…
View More पालने में झुलत चारो भैया….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रचारो दशरथ ललनवाँ देखब कैसे….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
जब प्रभु श्री राम का जन्म हुआ तो शिव जी के मन में प्रभु के दर्शन की लालसा जगी। शिव जी ने मदारी का वेष…
View More चारो दशरथ ललनवाँ देखब कैसे….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रआज अवध में बधावन बाजै ….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
राजा दशरथ ने जब श्रीराम जी का राज्याभिषेक करने का निश्चय किया तब अवध में उत्सव की तैयारियाँ होने लगीं। घर घर मंगल साज सजाए…
View More आज अवध में बधावन बाजै ….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रखेलैबो ललना दशरथ जी के अँगना…-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
एक युवती ने जब सुना कि राजा दशरथ के घर चार सुन्दर बालकों ने जन्म लिया है तो उसके मन में उन बालकों को देखने…
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प्रभु श्री राम के प्राकट्य दिवस पर प्रस्तुत है मेरी ये रचना बधाई गीत के रूप में :—- भैलें प्रगट रघुरैया अवध में बाजे बधैया…
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प्रभु श्रीराम को वन में देख कर वनवासी स्त्रियाँ आपस में वार्ता कर रहीं हैं और कहतीं हैं कि हे सखी हम तो कुदेश (बुरे…
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आजकल लोग पैसों के पीछे भाग रहे हैं जिससे रिश्ते नाते पीछे छूट रहे हैं, इस विषय पर मैने अपना भाव प्रकट किया है अपनी…
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शरणागत भजन के रूप में प्रस्तुत है मेरी ये रचना :——- मोहे राखहु नाथ शरन में । ममता मोह में भूल गयो प्रभू , मन…
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