योग के मामले में भारत विश्वगुरु : त्रिपाठी
स्थानीय चिन्मय विद्यालय में योग दिवस की धूम रही। सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षकों ने एकजुट होकर लयबद्ध तरीके से आकर्षक योगाभ्यास किया। विद्यालय के तेजोमयानन्द सभागार में प्राचार्य सूरज शर्मा एवं शारिरिक शिक्षा विभाग द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। संगीत विभाग द्वारा योग पर आधारित गीत गाकर सभी का स्वागत किया गया। इस अवसर पर कक्षा नवमी एवं दसवीं के साथ-साथ कक्षा प्रथम एवं द्वितीय के लगभग 700 विद्यार्थियों एवं 70 से अधिक शिक्षक-शिक्षिकाओं ने योग उत्सव में भाग में लिया। वरीय शारीरिक शिक्षक हरिहर पांडेय ने सूर्य नमस्कार का प्रदर्शन किया एवं सभी को इसके महत्व को समझाया। वहीं, प्रांजल सैकिया एवं संजीव कुमार ने शीर्षासन, त्रिकोणासन, ताड़ासन, वज्रासन, भुजंगासन जैसे कई आसनों व प्राणायाम का प्रदर्शन किया।
प्राचार्य सूरज शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि आज पूरा विश्व अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े ही गर्व एवं धूम-धाम से मना रहा है। योग के माध्यम से हम खुद भी शारीरिक और मानसिक रूप से तो स्वस्थ रहेंगे ही, साथ ही पूरा समाज स्वस्थ होगा। हम सभी को प्रत्येक दिन 30-50 मिनट योग अवश्य करना चाहिए। हरिहर पांडेय ने सभी को योग करने एवं योग करने के लिए प्रेरित किया एवं योग करने की शपथ दिलाई।
इस अवसर पर विद्यालय सचिव महेश त्रिपाठी ने 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर अपने संबोधन में कहा कि भारत के विश्व गुरु बनने का समय है। योग के मामले में भारत विश्वगुरु है। भारत ने योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और योग के जरिए सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग लाभकारी है। यह शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति प्रदान करता है। इस दौरान उप-प्राचार्य नरमेन्द्र कुमार, गोपाल चंद्र मुंशी, विकास परिधारिया, रश्मि शुक्ला व अन्य शिक्षक आदि उपस्थित थे। रणविजय ओझा, ललिता उरांव, नितेश पांडेय, प्रवीण कुमार, विशाल मौर्य , आदर्श आचार्या और अन्य शिक्षकों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में बहुमूल्य योगदान दिया। संजीव सिंह एवं प्रांजल सैकिया ने मंच एवं कार्यक्रम का सफल संचालन किया।