बोकारो : बोकारो डिस्ट्रिक्ट योगासन स्पोर्ट्स एसोसिएशन के सहयोग से शुक्रवार को दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) बोकारो में 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन उत्साहपूर्ण वातावरण में किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य एवं एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. ए एस गंगवार के नेतृत्व में विद्यार्थियों सहित सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने पूरे मनोयोग से योगाभ्यास किए। सीनियर इकाई में छात्र-छात्राओं ने सुंदर शास्त्रीय संगीत के बीच सूर्य नमस्कार की विभिन्न मुद्राओं के अलावा चक्रासन, धनुरासन सहित कई योगासनों की सुंदर सामूहिक प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों की टोली ने भांति-भांति के आसनों के माध्यम से त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश का सुंदर स्वरूप तथा समुद्र मंथन का मनोहारी योग-दृश्य प्रस्तुत किया। इस दौरान बच्चों के हाथ-पैर और पूरे शरीर की लचक देखते ही बन रही थी। विशेष रूप से छात्रा अनुष्का और किया कोरल ने मधुराष्टकम पर आधारित अद्वितीय योग-नृत्य प्रस्तुत कर सबकी भरपूर सराहना पाई। 180 डिग्री पर शरीर को मोड़ने की उनका कला ने सभी को अचंभित कर दिया। इस कलात्मक योग-प्रदर्शन के दौरान विद्यालय का पूरा अश्वघोष कला क्षेत्र तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजता रहा। इधर, प्राइमरी इकाई में भी छात्र-छात्राओं ने विभिन्न आसनों का अभ्यास किया। विद्यार्थियों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए प्राचार्य डॉ. गंगवार ने योग की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आदिदेव महादेव ने योग की शुरुआत की थी। शरीर, मन और आत्मा को एक सूत्र में पिरोने की यह विद्या हमारे ऋषि-मुनियों की देन रही है। हमारे देश की यह सनातन धरोहर आज पूरे विश्व के लिए अनुकरणीय बन चुकी है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की इस वर्ष की थीम – स्वयं एवं समाज के लिए योग – की चर्चा करते हुए डॉ. गंगवार ने बच्चों की शारीरिक स्फूर्ति और पढ़ाई में एकाग्रता के लिए उन्हें प्रतिदिन कम से कम आधा घंटा योगाभ्यास करने की प्रेरणा दी। इस अवसर पर बच्चों ने योग पर आधारित अपने कार्ड व अन्य कलाकृतियां प्राचार्य को भेंट कीं। उनके द्वारा हाथों से तैयार की गई पत्रिका योगानुभूति का विमोचन भी किया गया। इसके पूर्व, एक अलग सत्र में शिक्षकों को भुजंगासन, वृक्षासन, शशांकासन, कपालभाति, अनुलोम-विलोम सहित विभिन्न योगासनों एवं प्राणायाम का अभ्यास कराया। वहीं, लाफ्टर योगा का विशेष सत्र सभी के लिए काफी आनंददायक रहा।