बोकारो: बोकारो इस्पात डिप्लोमाधारी कामगार यूनियन (बीडू) ने बीएसएल-सेल में कार्यरत डिप्लोमा इंजीनियर्स के हितों को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण मांग उठाई है। बुधवार को यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने बीएसएल के आइआर विभाग के महाप्रबंधक से मुलाकात की और बोकारो स्टील प्लांट के डायरेक्टर इंचार्ज के नाम एक मांग पत्र सौंपा। इस मांग पत्र में डिप्लोमा इंजीनियर्स के प्रमोशन और इ-जीरो परीक्षा पात्रता में सुधार की मांग की गई है।
यूनियन के महामंत्री संदीप कुमार ने बताया कि पहले डिप्लोमा इंजीनियर्स की बहाली एस-6 ग्रेड में होती थी और उन्हें एस-8 ग्रेड में पहुँचने के बाद पांच वर्षों के अनुभव पर, यानी कुल 13 वर्षों के बाद, इ-जीरो परीक्षा के लिए पात्र माना जाता था। लेकिन वर्तमान में यह स्थिति बदल चुकी है, और अब डिप्लोमा इंजीनियर्स की बहाली एस-3 ग्रेड में की जा रही है। इसके बाद, उन्हें एस-6 ग्रेड में पहुँचने के लिए पांच साल का अनुभव चाहिए होता है, और कुल मिलाकर 16 वर्षों के बाद ही उन्हें इ-जीरो परीक्षा की पात्रता मिलती है।
यह स्थिति डिप्लोमा इंजीनियर्स के लिए अत्यंत कठिनाई भरी है, क्योंकि उन्हें प्रमोशन की पात्रता पाने के लिए पहले से अधिक समय का इंतजार करना पड़ रहा है। श्री कुमार ने जोर देकर कहा कि डिप्लोमा इंजीनियर्स अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतरीन योगदान दे रहे हैं, फिर भी प्रमोशन के अवसरों में यह देरी उनके भविष्य की संभावनाओं को सीमित कर रही है।
अनुभव के अंकों की गिनती में सुधार की मांग
वर्तमान में इ-जीरो प्रमोशन पॉलिसी के तहत डिप्लोमा इंजीनियर्स के अनुभव के अंकों की गिनती में भी सुधार की मांग की गई है। यूनियन का कहना है कि वर्तमान प्रणाली उनके लिए नुकसानदायक साबित हो रही है, क्योंकि अनुभव के अंकों की गिनती एस-6 ग्रेड से शुरू होती है। यूनियन ने मांग की है कि अनुभव के अंकों की गिनती डिप्लोमा इंजीनियर्स की ज्वाइनिंग डेट से की जानी चाहिए ताकि उन्हें जल्दी प्रमोशन के अवसर मिल सकें।
सम्मानजनक पदनाम सर्कुलर का क्रियान्वयन
ढाई महीने पहले सेल कॉरपोरेट ऑफिस द्वारा सम्मानजनक पदनाम से संबंधित एक सर्कुलर जारी किया गया था, लेकिन अब तक इसे अधिकांश यूनिट्स में लागू नहीं किया गया है। इस मुद्दे पर भी यूनियन ने चिंता जताई और मांग की कि इसे जल्द से जल्द सभी यूनिट्स में लागू किया जाए ताकि डिप्लोमा इंजीनियर्स को उनका सही पदनाम मिल सके और उनके मनोबल में वृद्धि हो।
इस मुलाकात के बाद उम्मीद की जा रही है कि बीएसएल प्रबंधन इस पर गंभीरता से विचार करेगा और डिप्लोमा इंजीनियर्स की मांगों को पूरा करने के लिए सकारात्मक कदम उठाएगा।