बोकारो: खोरठा साहित्य और संस्कृति को समर्पित डॉ. ए.के. झा की 11वीं पुण्यतिथि पर बोकारो में खोरठा साहित्य-संस्कृति परिषद द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर साहित्य और संस्कृति की दिशा पर चर्चा हुई, जिसमें विभिन्न संपादकों और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
साहित्य पर चर्चा परिषद के इस विशेष आयोजन में “तितकी” पत्रिका के संपादक मानीन शांति बाबू ने खोरठा साहित्य की वर्तमान स्थिति और दिशा पर विस्तार से बात की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खोरठा साहित्य को और अधिक प्रसार और पहचान दिलाने की आवश्यकता है। वहीं, “लुआठी” पत्रिका के संपादक आकाश खूँटी जी ने सम्मेलन के आयोजन की योजना और इसके उद्देश्य पर प्रकाश डाला।
विश्वविद्यालय स्तर पर खोरठा के लिए पहल “फुनगी” पत्रिका के संपादक श्याम सुंदर केवट “रवि” ने विश्वविद्यालय स्तर पर खोरठा भाषा और साहित्य को उचित स्थान दिलाने के लिए खोरठा विभाग की स्थापना की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खोरठा भाषा के संरक्षण और विकास के लिए शैक्षिक संस्थानों में इसे अनिवार्य रूप से शामिल किया जाना चाहिए।
आयोजन की आगामी योजना धारा के संयोजक मानीन जीवन जगन्नाथ ने घोषणा की कि अक्टूबर महीने में खोरठा साहित्य-संस्कृति परिषद का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसका उद्देश्य खोरठा भाषा और संस्कृति को और अधिक सशक्त बनाना और उसे मुख्यधारा में लाना है।
इस कार्यक्रम में बोकारो के खोरठा साहित्यकारों और संस्कृति प्रेमियों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया, और डॉ. ए.के. झा को उनके योगदान के लिए याद किया गया।