Article by Purnendu Sinha Pushpesh भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में 26 जून 1975 एक ऐसा दिन है जिसे अनदेखा करना भूल होगी और भुला देना…
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कुछ दिल कि बातें कर लूँ …..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
कुछ दिल कि बातें कर लूँ :– आए हो तो बैठो , कुछ दिल कि बातें कर लूँ । कुछ सुनाउँ अपनी , कुछ तुम्हारि…
View More कुछ दिल कि बातें कर लूँ …..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रक्यूँ रूठ गए प्रियतम…- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
क्यूँ रूठ गए प्रियतम:– क्यूँ रूठ गए प्रियतम, अब मान भी जाओ ना । क्या खता है आखिर मेरी, कुछ भी तो बताओ ना ।।…
View More क्यूँ रूठ गए प्रियतम…- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रराम मोरे आ जाओ ….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
शबरी प्रभु श्रीराम की प्रतीक्षा कैसे करती थी यही मेरी इस रचना में दर्शाया गया है :– राम मोरे आ जाओ । दर्शन के प्यासे…
View More राम मोरे आ जाओ ….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रभजले नाम उदार…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
भजले नाम उदार– दुर्लभ पावन नर तन पाया, जनम अकारथ यूँहिं गंवाया। अन्त समय जब आया बन्दे, सिर धुनि धुनि पछताया। जो भी कछु पल…
View More भजले नाम उदार…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रलज्जा हीं श्रृंगार नारि का….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
लज्जा हीं श्रृंगार नारि का– कर सोलह श्रृंगार सजनियाँ, चली पिया के पास । पायल बाज रही है छम छम, हियरा अती हुलास ।। खाट…
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भक्ति की जोति सदा तु जलाओ . (सवैया) — जो तोहे प्रीत लगी हरि चरनन, भक्ति की जोति सदा तु जलाओ। हैं प्रभु दीनदयालु कृपालु,…
View More भक्ति की जोति सदा तु जलाओ …-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रतेरी राह देखूँगा प्रिये…-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
तेरी राह देखूँगा प्रिये—- राह में पलकें बिछाए , चाहने वाला खड़ा है । तुम न आए अब भी , मेरी क्या खता है ?…
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संस्कार डूब रहा—- जिन्दगी की रेश में , संस्कार डूब रहा । माता पिता बच्चों का , प्यार डूब रहा । माता पिता रहते हैं…
View More संस्कार डूब रहा….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रबढ़ते चलो बढ़ते चलो…-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
बढ़ते चलो बढ़ते चलो—– जब तक रहे ये जिन्दगी , बढ़ते चलो बढ़ते चलो । नदियों कि धारा ज्यों चले , पर्वत का सीना चीर…
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