कुछ दिल कि बातें कर लूँ :– आए हो तो बैठो , कुछ दिल कि बातें कर लूँ । कुछ सुनाउँ अपनी , कुछ तुम्हारि…
View More कुछ दिल कि बातें कर लूँ …..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
क्यूँ रूठ गए प्रियतम…- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
क्यूँ रूठ गए प्रियतम:– क्यूँ रूठ गए प्रियतम, अब मान भी जाओ ना । क्या खता है आखिर मेरी, कुछ भी तो बताओ ना ।।…
View More क्यूँ रूठ गए प्रियतम…- ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रराम मोरे आ जाओ ….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
शबरी प्रभु श्रीराम की प्रतीक्षा कैसे करती थी यही मेरी इस रचना में दर्शाया गया है :– राम मोरे आ जाओ । दर्शन के प्यासे…
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भजले नाम उदार– दुर्लभ पावन नर तन पाया, जनम अकारथ यूँहिं गंवाया। अन्त समय जब आया बन्दे, सिर धुनि धुनि पछताया। जो भी कछु पल…
View More भजले नाम उदार…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रलज्जा हीं श्रृंगार नारि का….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
लज्जा हीं श्रृंगार नारि का– कर सोलह श्रृंगार सजनियाँ, चली पिया के पास । पायल बाज रही है छम छम, हियरा अती हुलास ।। खाट…
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भक्ति की जोति सदा तु जलाओ . (सवैया) — जो तोहे प्रीत लगी हरि चरनन, भक्ति की जोति सदा तु जलाओ। हैं प्रभु दीनदयालु कृपालु,…
View More भक्ति की जोति सदा तु जलाओ …-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रतेरी राह देखूँगा प्रिये…-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
तेरी राह देखूँगा प्रिये—- राह में पलकें बिछाए , चाहने वाला खड़ा है । तुम न आए अब भी , मेरी क्या खता है ?…
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संस्कार डूब रहा—- जिन्दगी की रेश में , संस्कार डूब रहा । माता पिता बच्चों का , प्यार डूब रहा । माता पिता रहते हैं…
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बढ़ते चलो बढ़ते चलो—– जब तक रहे ये जिन्दगी , बढ़ते चलो बढ़ते चलो । नदियों कि धारा ज्यों चले , पर्वत का सीना चीर…
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राम हमारे कभी न रूठें—– सारी दुनिया रूठ जाय , इसकी चिन्ता नहीं है मुझको । बस राम हमारे कभी न रूठें , यही हमारी…
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