मनुष्य करोड़ों उपाय करले पर बिना प्रभु के भजन के भवसागर पार नहीं कर सकता। जप तप योग नियम व्रत ध्यान इस कलियुग में हो…
View More नर कोटिस जतन करे…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
ऐसो हैं कृपालु रघुराई…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम ऐसे कृपालु हैं कि शरण में आए हुए को शरण में तो रख हीं लेते हैं उसे सुख सम्पदा भी देते हैं और…
View More ऐसो हैं कृपालु रघुराई…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रकि आरे भाइ राम नाम सुखदाई…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
हे भाई राम नाम अत्यंत सुखकारी है भजन करो। बड़े भाग्य से मनुष्य शरीर मिलता है और मनुष्य इसे सत्कर्म में न लगा कर दुष्कर्म…
View More कि आरे भाइ राम नाम सुखदाई…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रबोलो राम राम राम…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
बोलो राम राम राम, हरे राम हरे राम । बोलो कौशल्या नन्दन, श्रीराम हरे राम । बोलो असुर निकन्दन, श्रीराम हरे राम ।। बोलो राम…
View More बोलो राम राम राम…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रहे राम राघव दीनबंधू, दया के भंडार हो……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम से मेरी विनती जिसे मैने छन्द में लिखी है:—– हे राम राघव दीनबंधू, दया के भंडार हो । हे कृपालू हे दयालू, करुणासिन्धु…
View More हे राम राघव दीनबंधू, दया के भंडार हो……-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रहमार प्रभू जी सुधिया काहे ना लिहनी…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
हे प्रभु आपने गणिका, गिद्ध, अजामिल, सदन कसाई आदि सभी पापियों की सुध ली उन्हें तारा, आपने शबरी, अहिल्या का भी उद्धार किया पर हे…
View More हमार प्रभू जी सुधिया काहे ना लिहनी…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रसोजा रघुबर प्यारे सोजा…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
माता कौशल्या बालक राम को लोरी गा गा कर सुला रहीं हैं। कहतीं हैं कि हे रघुबीर सूर्य अस्त हो गए, रात्रि हो गई, अंधेरा…
View More सोजा रघुबर प्यारे सोजा…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रक्यूँ न आए प्रभू मैं बुलाता रहा….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना जिसमें एक भक्त की आर्त पुकार को दर्शाया गया है :—– क्यूँ न आए प्रभू…
View More क्यूँ न आए प्रभू मैं बुलाता रहा….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रदुलहा साँवली सुरतीया सुहावन लागै हो …..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम विवाह मंडप में हैं और सखियाँ उनकी शोभा का वर्णन कर रही हैं। कहतीं हैं कि हे साँवरे! तुम्हारी सुहावनी साँवली सूरत और…
View More दुलहा साँवली सुरतीया सुहावन लागै हो …..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रअँगना में तुलसी लगैबो…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है तुलसी विवाह पर मेरी ये रचना:—- अँगना में तुलसी लगैबो, हरि जी को बुलैबो । कार्तिक मास शुकल पख पावन, एकादश तिथि अति…
View More अँगना में तुलसी लगैबो…..-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र