प्रभु श्रीराम ऐसे कृपालु हैं कि शरण में आए हुए को शरण में तो रख हीं लेते हैं उसे सुख सम्पदा भी देते हैं और…
View More ऐसो हैं कृपालु रघुराई……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रCategory: DHARM
बटोही जीवन के दिन चार……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
मनुष्य एक पथिक है जो इस ममता मोह रुपी संसार में भटकते फिरता है। बड़े भाग्य से मनुष्य शरीर मिलता है इसलिए इसका सदुपयोग कर…
View More बटोही जीवन के दिन चार……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रराम जी सबको पार लगाते……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रभु श्रीराम को जो भी प्रेम से भजा प्रभु ने सबको भवसागर पार उतारा। शबरी, केंवट, अहिल्या, कोल, भील, किरात, गणिका, गिद्ध, अजामिल सभी प्रभु…
View More राम जी सबको पार लगाते……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रदीनों के नाथ बिनती सुनो मोरि………….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
दीनों के नाथ दीनानाथ से मेरी ये विनती मेरी इस रचना के माध्यम से शरणागत भजन के रूप में :—– दीनों के नाथ बिनती सुनो…
View More दीनों के नाथ बिनती सुनो मोरि………….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रमैं तो आया प्रभु तेरे द्वार……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :——- मैं तो आया प्रभु तेरे द्वार , अब तो राखो राखनहार । बीच भँवर…
View More मैं तो आया प्रभु तेरे द्वार……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रहरी बोल हरी बोल प्राणी रे…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
हरी बोल हरी बोल . हरी बोल हरी बोल प्राणी रे , चार दिन कि जिन्दगानी । दुनिया में आकर प्रभू को भुलाया , प्रभु…
View More हरी बोल हरी बोल प्राणी रे…….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्रप्रभु बिनु नहिं कोउ……..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र
प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :——- प्रभु बिनु नहिं कोउ, शरणागत हितकारी । आरत बचन सुनी द्रौपति की , राखी…
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मेरे राम . मोहि तो रामहिं एक पियारा । जेहिके भजत मिटै दुख सारा ।। प्रभु सम स्वामि जगत नहिं देखा । करहिं कृपा बहु…
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प्रस्तुत है मेरी ये रचना जिसमें मैं प्रभु से कुछ माँग रहा हूँ। देखिये क्या क्या माँग रहा हूँ :—– प्रभु मोरे माँगत हौं कछु…
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प्रस्तुत है मेरी ये रचना शरणागत भजन के रूप में :— चली जा रही है ये जीवन कि नैया । न पतवार प्रभु जी न…
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