कृष्ण सुदामा मित्रता…….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

कृष्ण सुदामा मित्रता, जगत सराहन जाय । ऐसी मैत्री अन्य कोई, अब तक नहीं निभाय ।। एक गरीबी में जिया, एक द्वारकाधीश । कैसी अद्भुत…

View More कृष्ण सुदामा मित्रता…….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

भैया नर तन सों दूसर न तन मिलिहैं….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

मनुष्य के शरीर के समान दूसरा कोई शरीर नहीं है। इसे पाने के लिए देवता लोग भी याचना करते हैं पर मिल नहीं पाता है।…

View More भैया नर तन सों दूसर न तन मिलिहैं….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

लखन भए राम चरन अनुरागी ….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

जब प्रभु श्री राम बन को चलने लगे तो लक्ष्मण जी भी जाने को तैयार हो गए और सब कुछ त्याग कर श्री राम जी…

View More लखन भए राम चरन अनुरागी ….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

सम्हालो साँवरे मुझ को……… – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :— सम्हालो साँवरे मुझ को, अधम तेरी शरण आया है । तुम्हारा बिरद रह जाए,…

View More सम्हालो साँवरे मुझ को……… – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

दशरथ कौशल्या के प्रेम के वश…….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

बालक राम अपने बाल चरित्र के द्वारा कैसे सबके मन को हर लेते हैं इसी प्रसंग पर सवैया में प्रस्तुत है मेरी ये रचना:— दशरथ…

View More दशरथ कौशल्या के प्रेम के वश…….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

विधि हरि हर को प्रणाम हमारा….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है ब्रह्मा विष्णु महेश की एक साथ वन्दना मेरी इस रचना के माध्यम से :–– विधि हरि हर को प्रणाम हमारा । ब्रह्मा करहीं…

View More विधि हरि हर को प्रणाम हमारा….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु मोरे रखियो अपनी शरन में….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शरणागत भजन के रूप में मेरी ये रचना :— प्रभु मोरे रखियो अपनी शरन में । तुम्हरेहिं माया के बश हो कर ,…

View More प्रभु मोरे रखियो अपनी शरन में….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

जिन्दगी………….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

जिन्दगी बहार हो बहार बन के रहना । सबके दिलों में तु प्यार बन के रहना ।। जिन्दगी बहार हो बहार बन के रहना ।…

View More जिन्दगी………….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

जय लक्ष्मीरमण बिहारी…… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है विष्णु भगवान पर लिखी मेरी ये रचना :——- जय लक्ष्मीरमण बिहारी । शयन कियो प्रभु शेष नाग पर , रूप चतुर्भुज धारी ।…

View More जय लक्ष्मीरमण बिहारी…… ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

लखन सम नहिं दूजा बड़भागी………….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

लक्ष्मण जी के समान कोई दूसरा बड़भागी नहीं है। सारे जगत से नाता तोड़ कर प्रभु श्रीराम के पीछे वन को चल दिए। श्रीराम चरण…

View More लखन सम नहिं दूजा बड़भागी………….. – ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र