भारत की आज़ादी में झारखंड क्षेत्र का योगदान : क्रांति की धरती से स्वाधीनता की राह तक

जब हम भारत की स्वतंत्रता की गाथा को पढ़ते हैं, तो हमारे सामने दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, और लाहौर जैसे बड़े शहरों की तस्वीरें उभरती हैं।…

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भारत की आज़ादी: संघर्ष, बलिदान और चेतना की अनसुनी कहानियाँ

भारत की स्वतंत्रता की यात्रा केवल एक राजनीतिक बदलाव नहीं थी, बल्कि यह एक राष्ट्रीय जागरण, जनआंदोलन, और लाखों गुमनाम व ज्ञात नायकों के त्याग…

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मत डारो रंग रघुबीरा…-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी ये रचना होली गीत :—– मत डारो रंग रघुबीरा । मोरी भीगत चुनरिया चीरा रे । मत डारो रंग…………… घर से निकली…

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हे राम राघव दीनबंधू……….ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रभु श्रीराम से मेरी विनती जिसे मैने छन्द में लिखी है :— हे राम राघव दीनबंधू, दया के भंडार हो । हे कृपालू हे दयालू,…

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सखी हो बसहा पर हो के सवार हो………..ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

सखियाँ शिव जी का बारात देखने पहुँचीं। देखतीं हैं कि दुल्हा तो बसहा बैल पर सवार होकर व्याह करने आया है। इस विचित्र दुल्हे को…

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बोलो भाइ ओम नमः शिवाय………ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है शिव जी पर लिखी मेरी ये रचना जिसमें शिव जी के कुछ निरालेपन का वर्णन किया गया है :—– बोलो भाइ ओम नमः…

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