बोकारो: आज दिनांक 17 सितंबर 2024, मंगलवार को गुरु गोबिंद सिंह एजुकेशनल सोसाइटी के टेक्निकल कैंपस, कांड्रा, चास, बोकारो में श्री विश्वकर्मा पूजा का भव्य आयोजन किया गया। इस आयोजन ने कैंपस के छात्रों, प्राध्यापकों और कर्मचारियों में विशेष उत्साह और उल्लास का माहौल पैदा कर दिया। यांत्रिकी अभियांत्रिकी कार्यशाला (मैकेनिकल इंजीनियरिंग वर्कशॉप) में आयोजित इस पूजा में तकनीकी शिक्षा और आध्यात्मिकता का अनूठा संगम देखने को मिला।
श्री विश्वकर्मा, जिन्हें निर्माण और सृजन के देवता के रूप में पूजा जाता है, के इस विशेष पूजन में कार्यशाला के सभी उपकरणों और मशीनों का पूजन किया गया। छात्रों और शिक्षकों ने पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ इस पूजा में भाग लिया। सभी ने मिलकर पूजा की और विश्वकर्मा भगवान से अपने तकनीकी कौशल में निपुणता और कॉलेज की उन्नति के लिए आशीर्वाद मांगा।
मुख्य अतिथि का संबोधन
इस आयोजन के मुख्य अतिथि जीजीईएस सोसाइटी के सचिव श्री एस.पी. सिंह थे, जिन्होंने पूजा के बाद छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “आध्यात्मिक विचार विद्यार्थियों के मन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजन छात्रों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। श्री सिंह ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल पूजा-अर्चना नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य छात्रों में अनुशासन और सकारात्मक सोच विकसित करना भी है।
यांत्रिकी विभाग का योगदान
पूजा का आयोजन यांत्रिकी अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख प्रो. आशीष कुमार के नेतृत्व में हुआ, जिनका इस पूरे कार्यक्रम में विशेष योगदान रहा। प्रो. कुमार ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों के भीतर तकनीकी शिक्षा के प्रति समर्पण और आस्था को और भी मजबूत बनाते हैं। उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान सभी उपकरणों का शुद्धिकरण और विधिवत पूजा की गई, ताकि आने वाले समय में छात्रों का तकनीकी प्रशिक्षण और भी सफलतापूर्वक हो सके।
धार्मिक रस्में और सामूहिकता
कार्यक्रम की धार्मिक रस्मों का आयोजन चास गुरुद्वारा के ग्रंथी द्वारा किया गया। उन्होंने पूरे विधि-विधान से अरदास की और सभी के सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की। इसके बाद, श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया। पूरे कार्यक्रम में छात्रों और कर्मचारियों के बीच आपसी सहयोग और सामूहिकता का एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला।
कॉलेज में सर्वधर्म सद्भाव का वातावरण
कॉलेज के निदेशक डॉ. प्रियदर्शी जरुहार ने बताया कि “हमारे कॉलेज में सभी धर्मों और संस्कृतियों के पर्व-त्योहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाए जाते हैं। यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं हैं, बल्कि यह छात्रों में आपसी सद्भाव और सह-अस्तित्व की भावना को बढ़ावा देते हैं।” डॉ. जरुहार ने कॉलेज के सौहार्दपूर्ण वातावरण पर जोर देते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन छात्रों और शिक्षकों के बीच के रिश्ते को और मजबूत करते हैं।
सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व
यह आयोजन न केवल तकनीकी छात्रों के लिए एक धार्मिक पर्व था, बल्कि इसमें सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी गहरा महत्व था। विश्वकर्मा पूजा भारतीय शिल्पकारों, इंजीनियरों और कारीगरों के लिए विशेष महत्व रखती है, और तकनीकी छात्रों के लिए यह पर्व एक प्रेरणा का स्रोत होता है। छात्रों ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन उन्हें अपनी पढ़ाई के प्रति और भी गंभीर और समर्पित बनाते हैं।
समापन और भविष्य की योजनाएं
पूजा का समापन प्रसाद वितरण और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। कॉलेज प्रशासन ने भविष्य में भी इस प्रकार के और आयोजन करने का आश्वासन दिया, ताकि छात्रों के सर्वांगीण विकास में कोई कमी न रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने एक-दूसरे को बधाई दी और कॉलेज के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। श्री विश्वकर्मा पूजा का आयोजन एक अत्यंत सफल और प्रेरणादायक आयोजन साबित हुआ। यह आयोजन न केवल तकनीकी शिक्षा के महत्व को रेखांकित करता है, बल्कि छात्रों के मन में आध्यात्मिकता और सामूहिकता की भावना को भी जगाता है।