- PURNENDU SINHA PUSHPESH
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी और इंडी (INDI) गठबंधन के घोषणापत्रों में जो प्रमुख वादे किए गए हैं, वे राज्य के भविष्य और विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। जबकि INDI गठबंधन ने अपने घोषणापत्र में “एक वोट, सात गारंटी” का नारा दिया है, बीजेपी ने “25 संकल्प” के रूप में अपने वादों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया है। दोनों ही घोषणापत्रों का विश्लेषण करने पर यह स्पष्ट होता है कि बीजेपी ने अधिक ठोस और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया है, जो राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए कारगर सिद्ध हो सकता है। आइए इस विश्लेषण में दोनों दलों के वादों की तुलना करते हुए जानते हैं कि किसका घोषणापत्र झारखंड के भविष्य के लिए बेहतर प्रतीत होता है।
1. महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता
- INDI गठबंधन ने महिलाओं को प्रतिमाह ₹2500 देने का वादा किया है। यह कदम महिलाओं को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने का प्रयास है, लेकिन इस योजना में दीर्घकालिक विकास का दृष्टिकोण थोड़ा कम दिखाई देता है, क्योंकि यह केवल आर्थिक सहायता तक सीमित है।
- बीजेपी ने इसके बजाय महिला सशक्तिकरण पर अधिक गहन फोकस किया है। उसने महिलाओं के लिए कौशल विकास कार्यक्रम, विशेष आरक्षण, और रोजगार के नए अवसर सृजन का संकल्प लिया है। महिलाओं को नौकरी और स्वरोजगार के लिए प्रेरित करना एक दीर्घकालिक समाधान है, जो वित्तीय सहायता की बजाय स्थायी सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम है।
2. गैस सिलेंडर की कीमत
- INDI गठबंधन ने गैस सिलेंडर की कीमत को ₹450 तक सीमित करने का वादा किया है। हालांकि यह लाभ अल्पकालिक प्रतीत होता है, क्योंकि बढ़ती महंगाई और अंतरराष्ट्रीय मूल्य निर्धारण के संदर्भ में यह कीमत अस्थिर हो सकती है।
- बीजेपी ने घरेलू गैस के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सस्ती दरों पर सब्सिडी जारी रखने का वादा किया है, साथ ही स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग पर भी बल दिया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को सस्ती और सुलभ ऊर्जा प्रदान करना है, जो एक सतत और दीर्घकालिक दृष्टिकोण है।
3. राशन वितरण में सुधार
- INDI गठबंधन ने प्रतिमाह प्रति व्यक्ति राशन को 5 किलो से बढ़ाकर 7 किलो करने का वादा किया है। यह योजना गरीब वर्गों की सहायता करने का प्रयास है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं है।
- बीजेपी ने इसके विपरीत, पोषण में सुधार और गरीब परिवारों के लिए रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। इसका उद्देश्य केवल मुफ्त राशन देना नहीं बल्कि लोगों को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाना है। राशन के साथ-साथ पोषण और कृषि उत्पादकता बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है।
4. युवाओं को रोजगार
- INDI गठबंधन ने 10 लाख रोजगार के अवसरों का वादा किया है। यह वादा सुनने में आकर्षक है, लेकिन इसके लिए संसाधन और बजट प्रबंधन पर कोई स्पष्ट योजना नहीं दी गई है।
- बीजेपी ने उद्योगों के विस्तार, स्किल डेवलपमेंट सेंटर की स्थापना, और युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहन देने का संकल्प लिया है। इसकी योजना नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने की है, जिससे रोजगार के दीर्घकालिक अवसर पैदा किए जा सकें।
5. कृषि सुधार
- INDI गठबंधन ने धान की खरीद की दर को ₹2400 से बढ़ाकर ₹3200 प्रति क्विंटल करने का वादा किया है। हालांकि यह किसानों के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकता है, लेकिन यह योजना कृषि में संपूर्ण सुधार के लिए पर्याप्त नहीं है।
- बीजेपी ने कृषि को अधिक लाभदायक बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाने की घोषणा की है। इसमें उन्नत बीज, सिंचाई सुविधाएं, और फसल बीमा की पहल शामिल है। साथ ही, मार्केटिंग चैनलों में सुधार कर कृषि उत्पादों की सीधी बिक्री का प्रावधान किया गया है। किसानों के लिए तकनीकी सहायता और प्रशिक्षण की व्यवस्था भी प्रस्तावित है।
6. स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार
- INDI गठबंधन ने हर जिले में एक मेडिकल और एक इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने का वादा किया है। यह योजना शिक्षा के क्षेत्र में सुधार का प्रयास है, लेकिन झारखंड में वर्तमान शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था को देखते हुए इसे पूरा करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- बीजेपी ने प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं को ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचाने, विशेष अस्पतालों के निर्माण और बच्चों की शिक्षा के लिए उच्च गुणवत्ता वाले संस्थान खोलने का संकल्प लिया है। साथ ही, स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से गरीबों को चिकित्सा लाभ पहुंचाने की भी योजना है।
7. ओबीसी आरक्षण
- INDI गठबंधन ने ओबीसी का आरक्षण बढ़ाकर 27% करने का वादा किया है। यह एक प्रमुख कदम है जो आरक्षित वर्गों के हित में है, लेकिन इसमें कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
- बीजेपी ने समावेशी विकास पर जोर दिया है और आर्थिक आधार पर आरक्षण का समर्थन किया है। उनका मानना है कि इससे जरूरतमंदों को उचित अवसर मिलेंगे और विकास संतुलित होगा।
8. स्थानीय नीति और सरना धर्म कोड
- INDI गठबंधन ने 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीय नीति और सरना धर्म कोड लागू करने का संकल्प लिया है। यह झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने का प्रयास है, लेकिन इस पर राज्य में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं।
- बीजेपी ने स्थानीय संस्कृतियों और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए, स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार में प्राथमिकता देने की योजना बनाई है। साथ ही, धार्मिक स्वतंत्रता को संवैधानिक ढंग से बढ़ावा देने का वादा किया है।
कौन बेहतर?
इस तुलना के आधार पर, यह स्पष्ट होता है कि बीजेपी का घोषणापत्र अधिक ठोस, स्थायी और व्यावहारिक दृष्टिकोण रखता है। उनका जोर केवल वादों पर नहीं बल्कि झारखंड के विकास में वास्तविक सुधार लाने पर है। विशेष रूप से, उनका घोषणापत्र रोजगार, कृषि, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, और बुनियादी ढांचे पर केंद्रित है, जो झारखंड की दीर्घकालिक उन्नति के लिए महत्वपूर्ण हैं।
वहीं, INDI गठबंधन का घोषणापत्र जनसुविधाओं पर ध्यान देने के बावजूद अल्पकालिक नजर आता है। इसमें कई वादे हैं जो प्रभावी तो हैं, परंतु इनमें आवश्यक संसाधन प्रबंधन और योजनाबद्धता की कमी है, जिससे इनका दीर्घकालिक प्रभाव संदिग्ध है।
बीजेपी की मुख्य विशेषताएं:
- दीर्घकालिक योजनाएं: बीजेपी का घोषणापत्र दीर्घकालिक और स्थायी समाधान की दिशा में है, जबकि INDI गठबंधन का घोषणापत्र अल्पकालिक और बजट-निर्भर है।
- समावेशी विकास: बीजेपी ने समावेशी विकास पर जोर दिया है, जिससे हर वर्ग को लाभ मिलने की संभावना है।
- विकास के लिए ठोस प्रावधान: बीजेपी ने रोजगार सृजन, कृषि सुधार, शिक्षा और स्वास्थ्य में सुधार के लिए ठोस प्रावधान किए हैं, जो राज्य को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएंगे।
निष्कर्ष
चुनाव के इस अवसर पर झारखंड की जनता के पास विकल्प हैं कि वे अल्पकालिक वादों को चुनें या एक दीर्घकालिक, ठोस और प्रगतिशील योजना को अपनाएं। बीजेपी का घोषणापत्र झारखंड को एक समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में अधिक भरोसेमंद दिखाई देता है, जहाँ केवल वित्तीय सहायता नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता और राज्य के विकास को प्राथमिकता दी गई है। यदि बीजेपी सत्ता में आती है, तो उनकी योजना झारखंड को एक मजबूत और सशक्त राज्य में परिवर्तित करने की क्षमता रखती है।