कोडरमा: झारखंड के कोडरमा में एक निजी अस्पताल में 7 महीने की गर्भवती नाबालिग का अबॉर्शन करते समय डॉक्टर को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी डॉक्टर को जेल भेज दिया गया है और अस्पताल को सील कर दिया गया है।
घटना का विवरण: कोडरमा के एक प्राइवेट अस्पताल में 7 महीने की गर्भवती लड़की का अवैध अबॉर्शन किया जा रहा था। सिविल सर्जन को जब इसकी सूचना मिली, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई करते हुए अस्पताल पर छापा मारा। डॉक्टर मुन्ना कुमार साव को लड़की का अबॉर्शन करते रंगे हाथ पकड़ा गया। खास बात यह है कि अबॉर्शन कराई जा रही लड़की नाबालिग थी।
पुलिस की कार्रवाई: सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार की देखरेख में पुलिस ने अस्पताल को सील कर दिया और डॉक्टर मुन्ना कुमार साव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है और यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
सिविल सर्जन का बयान: सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल कुमार ने बताया कि उन्हें जिले में अवैध अबॉर्शन की लगातार सूचना मिल रही थी। एक इनपुट के आधार पर उन्हें पता चला कि कोडरमा थाना क्षेत्र के चेचाई स्थित एक अस्पताल में अवैध अबॉर्शन किया जा रहा है। इसके बाद उन्होंने एक टीम का गठन किया और स्थानीय थाना की पुलिस के साथ मिलकर अस्पताल में छापेमारी की। वहां पहुंचने पर पाया गया कि सात माह की गर्भवती नाबालिग लड़की का अबॉर्शन चल रहा था।
चेतावनी और प्रभाव: मौके पर मौजूद अबॉर्शन करने वाले डॉक्टर को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। सिविल सर्जन ने अन्य अस्पतालों और चिकित्सकों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कोई अवैध अबॉर्शन करते पकड़ा गया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और उनका लाइसेंस जब्त कर लिया जाएगा। इस घटना के बाद क्षेत्र के अन्य डॉक्टरों के बीच दहशत का माहौल है।
समापन: यह घटना न केवल चिकित्सा क्षेत्र में नैतिकता के गिरते स्तर को उजागर करती है, बल्कि समाज में अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की त्वरित कार्रवाई से एक नाबालिग लड़की की जान बचाई जा सकी, और यह घटना एक कड़ा संदेश देती है कि कानून के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।