राम मोरे आ जाओ…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

शबरी प्रभु श्रीराम की प्रतीक्षा कैसे करती थी यही मेरी इस रचना में दर्शाया गया है :—-

राम मोरे आ जाओ ।
दर्शन के प्यासे ये नैना ,
बाट निहारत दिन और रैना ,
अब तो दरश दिखा जाओ ।
राम मोरे………..
नित नित आँगन राह बुहारौं ,
पत्र पुष्प से राह सँवारौं ,
चरन पराग बिछा जाओ ।
राम मोरे………..
चुन चुन मीठे बेर ले आऊँ ,
भाव प्रेम से भोग लगाऊँ ,
अब तो भोग लगा जाओ ।
राम मोरे………..

रचनाकार :

ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र