प्रस्तुत है माता जानकी पर लिखी मेरी ये रचना :——
भजले रे मन मातु जानकी ।
प्रिया राम करुणा निधान की ।
भजले रे मन मातु………..
जाकी महिमा अपरम्पारा ,
पल में सकल सृष्टि रचि डारा ,
जय जय बामा श्रीराम की ।
भजले रे मन मातु………..
जाके पूजत शिव ब्रह्मादी ,
जाके मध्य न अंत न आदी ,
मुनिजन तरसत जासु कृपा की ।
भजले रे मन मातु………..
रिद्धि सिद्धि जाके टहल बजावै ,
कंचन मृग सोइ मन को भावै ,
मरम अगम जेहि श्रुति पुरान की ।
भजले रे मन मातु………..
जेहि के भजत रिद्धि सिधि आवै ,
काम क्रोध मद लोभ मिटावै ,
रक्षक भक्तन्ह आन मान की ।
भजले रे मन मातु………..
रचनाकार
ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र