आयो तेरी शरण में कृपालू प्रभू,…….-ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र

प्रस्तुत है मेरी रचना शरणागत भजन के रूप में :—–—

आयो तेरी शरण में कृपालू प्रभू,
लाज राखो हमारी दयालू प्रभू ।
मैं तो कपटी कुटिल खल कामी प्रभू,
मैं तो पतितों में पतित कहानी प्रभू,
तुम तो पतितों को पावन बनाते प्रभू,
मुझको पावन बना दो कृपालू प्रभू ।
लाज राखो हमारी दयालू प्रभू ।
आयो तेरी शरण में…………….
तुम हीं सारे जगत को बनाते प्रभू,
पालते पोषते और मिटाते प्रभू,
मैं हूँ तेरी हीं छोटी सी रचना प्रभू,
राखो या फिर हमें तुम मिटा दो प्रभू ।
लाज राखो हमारी दयालू प्रभू ।
आयो तेरी शरण में…………….
चार दिन की तो ये जिन्दगानी प्रभू,
किंतु मद है कि अन्त न आनी प्रभू,
तुम तो सेवक के मद को मिटाते प्रभू,
मेरे मद को मिटा दो कृपालू प्रभू ।
लाज राखो हमारी दयालू प्रभू ।
आयो तेरी शरण में…………….

 

रचनाकार

  ब्रह्मेश्वर नाथ मिश्र